बिहार में सभी विधायकों एवं विधान पार्षदों के अंशदान को सार्वजनिक कराएं नीतीश : प्रेमचंद्र
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके दृष्टिकोण में उप मुख्यमंत्री श्री मोदी का ट्वीट भ्रमित करने वाला और राजनीतिक उद्देश्यों से किया गया लगता है।

पटना। बिहार विधान परिषद में कांग्रेस के सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने उनकी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधानमंडल के सदस्यों के कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक भी रुपया नहीं देने के बयान को लेकर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को कानूनी नोटिस भेजने के बाद आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ऐसे विधायकों एवं विधान पार्षदों के अंशदान को सार्वजनिक कराने का आग्रह किया।
श्री मिश्रा ने मुख्यमंत्री श्री कुमार को इस संबंध में भेजे पत्र को आज मीडिया में साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, “उप मुख्यमंत्री श्री मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 03 मई 2020 को ट्वीट कर कहा कि कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में कांग्रेस और राजद के किसी भी विधायक ने एक पैसा का अंशदान तक नहीं किया है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायकों ने अपना एक-एक महीने का वेतन अंशदान स्वरूप दिया है। मुझे उनके ट्वीट पर गंभीर आपत्ति है।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके दृष्टिकोण में उप मुख्यमंत्री श्री मोदी का ट्वीट भ्रमित करने वाला और राजनीतिक उद्देश्यों से किया गया लगता है। उन्होंने कहा कि वह 30 मार्च को चेक के जरिए अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा चुके हैं। वहीं, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा समेत कांग्रेस के अधिकांश विधायकों ने अपना एक महीने का वेतन अंशदान स्वरूप दिया है। साथ ही अपने ऐच्छिक कोष से 50 लाख रुपये कोष में दिए जाने की अनुशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री कुमार से सभी पार्टी के विधायकों एवं विधान पार्षदों के राहत कोष में किए गए अंशदान को सार्वजनिक करने का सचिवालय को निर्देश देने का आग्रह किया है।
श्री मिश्रा ने कहा कि श्री मोदी के ट्वीट से उनकी और कांग्रेस के सभी विधायकों एवं विधान पार्षदों की भावना आहत हुई है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति एक रुपये का भी योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में करे तो उसे सिरे से नकारना अनुचित ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री राहत कोष की गंभीरता को हल्का करने जैसा है। उन्होंने कहा, “मैंने उप मुख्यमंत्री से झूठा ट्वीट वापस लेने तथा कांग्रेस विधायकों से खेद प्रकट करने को कहा तो उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया तो नहीं आई लेकिन भाजपा के आधिकारिक प्रवक्ताओं ने उनके ट्वीट को ठहराने संबंधी बयान अवश्य दिया है।”
विधान पार्षद ने मुख्यमंत्री से कहा कि वह उप मुख्यमंत्री के गैर जिम्मेदाराना ढंग से किए गए ट्वीट पर उनसे स्थिति स्पष्ट करने के लिए समुचित निर्देश देंगे। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि आप इस संबंध में शीघ्र ही यथोचित कदम उठाने तथा उन सभी विधायकों एवं विधान पार्षदों के नाम, जिन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक माह का वेतन अंशदान स्वरूप दिया है, उन्हें धन्यवाद अवश्य देंगे।”
गौरतलब है कि श्री मिश्रा ने उनकी पार्टी और राजद विधानमंडल के सदस्यों के कोरोना महामारी में बचाव और राहत कार्य के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक भी रुपया नहीं देने के बयान को लेकर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को मंगलवार को कानूनी नोटिस भेजा था। साथ ही बिहार के कांग्रेस के उपाध्यक्ष कुमार रोहित ने इस संबंध में पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई है।


