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नीतीश राजगीर पहुंचे, शीतल कुंड गुरुद्वारे में मत्था टेका

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी महाराज के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर राजगीर के शीतल कुंड गुरुद्वारा पहुंचे

नीतीश राजगीर पहुंचे, शीतल कुंड गुरुद्वारे में मत्था टेका
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बिहारशरीफ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी महाराज के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर राजगीर के शीतल कुंड गुरुद्वारा पहुंचे। उन्होंने मत्था टेका और अरदास में भी शिरकत की। इस मौके पर अलग-अलग हिस्सों से आए जत्थेदारों ने मुख्यमंत्री को सरोपा एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।

इस मौके पर हकी ग्राउंड में बने लंगर हॉल में मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को लंगर परोसने के बाद स्वयं लंगर छका। मुख्यमंत्री ने लंगर में सेवा भी की। उन्होंने चल रहे लंगर की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां लंगर चल रही है, जिसमें लाखों लोग खा रहे हैं।

'वाहे गुरुजी की खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह' जैसे नारों के बीच अपने संबोधन में नीतीश ने राजगीर को सभी धर्मो की आस्था का केंद्र बताते हुए कहा, "राजगीर से गुरुनानक देव जी महाराज का जो संबंध रहा है, इसे मीडिया को प्रमुखता से दिखाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक जानकारी पहुंच सके।"

उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव जी का मानना था कि समाज में एकता, भाईचारा, प्रेम, समानता और आध्यात्मिक ज्योति का संदेश देना चाहिए। मान्यता है कि मलमास मास में हिंदू धर्म के 33 करोड़ देवी-देवता राजगीर में ही निवास करते हैं। यहां के पंच पहाड़ी पर अनेक जैन मंदिर भी हैं। ज्ञान प्राप्ति से पहले और ज्ञान प्राप्ति के बाद महात्मा बुद्ध भी यहां आए थे। मकदूम साहब भी राजगीर आए थे, इसलिए राजगीर सभी धर्मो की धरती है।

उन्होंने कहा, "यह प्राकृतिक जगह है और हमलोग इको टूरिज्म पर भी काम कर रहे हैं। राजगीर में हर समय का इतिहास मिलेगा।"


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