छत्तीसगढ़: नीरव मोदी का मामला सदन में गूंजा, 30 विपक्षी कांग्रेसी सदस्य निलंबित
देश के सबसे बड़े पीएनबी बैंकिंग घोटाले में आरोपी नीरव मोदी मामले की गूंज सदन में सुनाई दी

रायपुर। देश के सबसे बड़े पीएनबी बैंकिंग घोटाले में आरोपी नीरव मोदी मामले की गूंज सदन में सुनाई दी।
कांग्रेस ने प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में उक्त मामले को सदन में उठाया और आसंदी से स्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा कराये जाने की मांग की। विपक्ष का कहना था कि धोखेबाज व घोटाले के आरोपी के पार्टनर वाली कंपनी को छत्तीसगढ़ में निवेश का न्यौता दिया गया है जो गलत है।
मामले को सदन में सदस्य भूपेश बघेल ने उठाया और रियो पेंटो को मोदी का दोस्त बताते हुए छत्तीसगढ़ आमंत्रण की जमकर आलोचना की। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य सत्यनारायण शर्मा का कहना था कि यह छत्तीसगढ़ को सामूहिक रूप से लुटने का प्रकरण है। धनेंद्र साहू का कहना था कि उक्त ठेका कंपनी को 2014 में हीरा सर्वेक्षण का काम दिया गया था।
इसी बीच आसंदी ने सत्तापक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों से शांतिपूर्ण ढंग से सदन की कार्रवाई चलने देने की अपील की। इसमें विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल का कहना था कि स्थगन में अतिमहत्वपूर्ण और गंभीर विषय उठाये जाने चाहिए। काल्पनिक विषय पर सदन में चर्चा नहीं कराई जा सकती।
आसंदी का फैसला सुनकर विपक्षी हंगामा करने लगे और मोदी के खिलाफ नारे लगाये। वहीं सदन की कार्रवाई बाधित होती रही। लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा सदन की कार्रवाई प्रारंभ होने पर विपक्षियों का हंगामा जारी रहा तथा आसंदी के व्यवस्था का विरोध करने के कारण 30 कांग्रेसी सदस्य निलंबित हो गये।


