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नौ राजनीतिक दलों ने बिहार चुनाव को लेकर चुनाव आयोग को लिखा पत्र

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा हम पार्टी समेत इन नौ दलों ने आज चुनाव आयोग को पत्र लिखकर यह मांग की।

नौ राजनीतिक दलों ने बिहार चुनाव को लेकर चुनाव आयोग को लिखा पत्र
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नयी दिल्ली । नौ विपक्षी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कोविड-19 के समय बिहार विधानसभा चुनाव में जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा का ख्याल रखने तथा सभी विपक्षी दलों को समान अवसर देने की अपील की है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा हम पार्टी समेत इन नौ दलों ने आज चुनाव आयोग को पत्र लिखकर यह मांग की। पत्र पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा ,राजद नेता सीताराम येचुरी, हम पार्टी के दीपक ज्योति समेत अन्य नेताओं ने पत्र पर हस्तक्षर किये हैं।

इससे पहले इन दलों ने बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए आज अपनी बैठक भी की जिसमें राज्य में कोरोना के कारण उत्पन्न स्थिति पर गंभीर विचार-विमर्श किया और जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करने की आयोग से मांग की।

पत्र में इन दलों के नेताओं ने लिखा है कि बिहार की राजधानी पटना में 89 कैंटोनमेंट जोन बन गए हैं और 16 जिले में 15 दिन के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया गया हैं जो 16 जुलाई से शुरू हो गया है। इतना ही नहीं, राज्य में 22 हज़ार से अधिक कोरोना मरीजों का पता चला है जिससे स्थिति काफी गंभीर और खतरनाक हो गई है। कई मरीजों ने अपनी जांच नहीं कराई है इसलिए अब तक मरीजों की वास्तविक संख्या का भी पता नहीं चल पाया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर-नवंबर तक विधानसभा चुनाव के समय राज्य में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 10 लाख से अधिक हो जाएगी।

पत्र में कहा गया है कि राज्य में करीब 7.5 करोड़ मतदाता है और कुल आबादी 13 करोड़ के आसपास है ।ऐसे में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए चुनाव कैसे संभव है।

पत्र में भी कहा गया है कि पिछले दिनों मुख्य चुनाव आयुक्त ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें सत्तारूढ़ दल ने चुनाव प्रचार आभासी माध्यम से करने और जन रैलियों को रोकने की मांग की थी । आज देश की आधी आबादी के पास मोबाइल नहीं है और 34 प्रतिशत लोग के पास स्मार्टफोन है। ऐसे में डिजिटल तरीके से चुनाव प्रचार संभव नहीं है, इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए और जनता के स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा के मद्देनजर चुनाव आयोग को चाहिए कि वह स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा राज्य में स्थिति का आकलन करें और संबद्ध पक्षों से बातचीत कर वस्तुस्थिति का पता लगाये। इस बात का भी ध्यान रखें कि भविष्य में कोरोना के कारण स्थिति और बिगड़ने वाली है इसलिए आयोग को चाहिए कि वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए जनता के स्वास्थ्य का काफी ख्याल रखें और लोकतंत्र की पवित्रता को भी बनाए रखें।


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