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पीएमआई, जीडीपी के सकारात्मक आंकड़ों से निफ्टी में तेजी

अनुकूल वैश्विक संकेतों, घरेलू विनिर्माण पीएमआई के उम्‍मीद से बेहतर आंकड़ों और सकारात्मक जीडीपी वृद्धि आंकड़ों से घरेलू बाजारों में शुक्रवा को उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई

पीएमआई, जीडीपी के सकारात्मक आंकड़ों से निफ्टी में तेजी
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मुंबई। अनुकूल वैश्विक संकेतों, घरेलू विनिर्माण पीएमआई के उम्‍मीद से बेहतर आंकड़ों और सकारात्मक जीडीपी वृद्धि आंकड़ों से घरेलू बाजारों में शुक्रवा को उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने यह बात कही।

नायर ने कहा कि पीएमआई और जीडीपी के बेहतर आंकड़ों से विनिर्माण कंपनियों के शेयरों में तेजी रही। वहीं, मजबूत बिक्री आंकड़ों से ऑटो शेयरों में लिवाली बढ़ी। वैश्विक बाजारों में सकारात्मक शुरुआत ने भी निवेशकों की भावनाओं को अतिरिक्त गति प्रदान की, खासकर जब अमेरिकी मुद्रास्फीति उम्मीदों के अनुरूप रहने से विदेशों में तेजी रही।

नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) का निफ्टी गुरुवार की गिरावट से उबरते हुये शुक्रवार को 0.94 प्रतिशत या 181.5 अंक बढ़कर 19435.3 अंक पर बंद हुआ। बीएसई का सेंसेक्स 556 अंक या 0.86 प्रतिशत बढ़कर 65,387.16 अंक पर बंद हुआ।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, एनएसई पर कारोबार हालिया औसत से अधिक था।

उन्होंने कहा कि व्यापक बाजार सूचकांक निफ्टी की तुलना में कम बढ़े, जबकि अग्रिम गिरावट अनुपात 1.69 बनाम 1 पर स्थिर रहा।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर बाजारों में तेजी रही। अगस्त के लिए चीन की फैक्ट्री गतिविधि में विस्तार हुआ। केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आरक्षित आवश्यकताओं में कटौती की घोषणा की। शुक्रवार को यूरोपीय शेयर मोटे तौर पर ऊंचे थे, क्योंकि निवेशकों ने बीजिंग से अधिक प्रोत्साहन के संकेतों और आंकड़ों से खुशी जताई।

यूरोजोन विनिर्माण पीएमआई जुलाई के 42.70 अंक से बढ़कर अगस्त में तीन महीने के उच्चतम 43.50 अंक पर पहुंच गया। इस प्रकार विनिर्माण गिरावट में कमी आई है।

भारत की विनिर्माण गतिविधि ने अपनी वृद्धि की गति को बनाए रखा। अगस्त में नए ऑर्डर और उत्पादन लगभग तीन वर्षों में सबसे तेज गति से बढ़े। इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स अगस्त में 58.6 पर था, जो मई के बाद सबसे अधिक है। जुलाई में यह 57.7 रहा था।

जसानी ने कहा कि अगस्त के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में साल दर साल 11 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।


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