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यूपी अल-कायदा मामले में एनआईए ने कश्मीर में 5 जगहों पर छापेमारी की

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अलकायदा मामले में गुरुवार को कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी की

यूपी अल-कायदा मामले में एनआईए ने कश्मीर में 5 जगहों पर छापेमारी की
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अलकायदा मामले में गुरुवार को कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी की।

एजेंसी ने कहा कि उन्होंने कश्मीर के शोपियां और बडगाम जिलों में पांच स्थानों पर तलाशी ली। एनआईए ने कहा, "आज की गई तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं।"

यह मामला अल-कायदा के एक सदस्य उमर हलमंडी से संबंधित है, जो अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ, भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा के लिए भोले-भाले व्यक्तियों को कट्टरपंथी बना रहा था और अपने संगठन में भर्ती कर रहा था।

भारत में अल-कायदा की आतंकवादी गतिविधियां संचालित करने वाला उमर हलमंडी मूल रूप से यूपी के संभल जिले का रहने वाला है। वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान बार्डर क्षेत्र से आतंकवादी गतिविधियां संचालित करता रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को लंबे समय से उसकी तलाश है। उमर ने ही भारत में अल-कायदा के माड्यूल को खड़ा किया है। यह माड्यूल अंसार गजवातुल हिंद (एजीएच) है, जो अल कायदा का ही अंग है। उसने कुछ जेहादी प्रवृत्ति के कुछ व्यक्तियों को नियुक्त कर लखनऊ में भी अल-कायदा का माड्यूल खड़ा किया है।

मामला शुरू में 11 जुलाई, 2021 को उत्तर प्रदेश द्वारा दर्ज किया गया था और एनआईए ने 29 जुलाई, 2021 को मामले को संभाला था।

जुलाई में उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने एजीएच के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया था। यह आरोप लगाया गया था कि दोनों स्वतंत्रता दिवस के आसपास उत्तर प्रदेश में कई विस्फोटों की योजना बना रहे थे।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लखनऊ के काकोरी के बाहरी इलाके से गिरफ्तार 32 वर्षीय मिनाज अहमद और मड़ियां से 50 वर्षीय मसीरुद्दीन के रूप में हुई है। गुप्तचरों ने मिनाज के घर से एक 9 एमएम देशी पिस्तौल के साथ प्रेशर कुकर बम के रूप में तात्कालिक विस्फोटक उपकरण भी बरामद किया है।

गिरफ्तार आरोपी पिछले एक साल से अंसार एजीएच से जुड़े थे।

यह आरोप लगाया गया है कि दोनों आरोपी पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर स्थित अल-कायदा के एक सूचीबद्ध आतंकवादी उमर हलमंडी के संपर्क में थे। उमर के निर्देश पर दोनों राज्य में विस्फोट की योजना बना रहे थे।

उमर भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में अल-कायदा के संचालन को संभाल रहा है।

अल कायदा के भारत उपमहाद्वीप मॉड्यूल की घोषणा 3 सितंबर 2014 को अल जवाहिरी द्वारा की गई थी और मौलाना असीम उमर को इसका नेता बनाया गया था।

असीम उमर की जड़ें उत्तर प्रदेश के संबल जिले में थी और 2019 में अफगानिस्तान में उसकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पेशावर/क्वेटा क्षेत्र से उमर हलमंडी द्वारा यह मॉड्यूल चलाया जा रहा था।

हलमंडी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें अपने संगठन में भर्ती करने के प्रयासों में लगा रहा है।


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