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जम्मू एएफएस ड्रोन हमले की जांच में जुटी एनआईए, मामला दर्ज किया

गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू में वायुसेना स्टेशन (एएफएस) पर ड्रोन हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने के कुछ घंटों बाद ही एनआईए ने मंगलवार को मामले के संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है

जम्मू एएफएस ड्रोन हमले की जांच में जुटी एनआईए, मामला दर्ज किया
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नई दिल्ली। गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू में वायुसेना स्टेशन (एएफएस) पर ड्रोन हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने के कुछ घंटों बाद ही एनआईए ने मंगलवार को मामले के संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी ने गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसरण में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला फिर से दर्ज किया है।

अधिकारी ने कहा कि एनआईए घटना के तुरंत बाद से अन्य एजेंसियों के साथ काम कर रही है, मामले के पुन: पंजीकरण के साथ कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई शुरू की गई है।

एनआईए की एक टीम ने रविवार को घटनास्थल से नमूने लेने के लिए घटनास्थल का दौरा किया था।

देश में अपनी तरह के पहले आतंकवादी हमले में, 26-27 जून की मध्यरात्रि में महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान पर विस्फोटक गिराने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। उच्च सुरक्षा वाले जम्मू वायुसेना स्टेशन पर पांच मिनट के अंतराल में लगातार दो विस्फोट हुए, जिसमें तकनीकी क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। बाद में ड्रोन उड़ गए।

रात 1.37 बजे और 1.42 बजे हुए दो बैक-टू-बैक विस्फोटों के बाद एक इमारत की छत क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि, विस्फोटक पास के विमान हैंगर से चूक गए। हमले में कोई कीमती उपकरण क्षतिग्रस्त नहीं हुआ।

वायुसेना स्टेशन पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर निकटतम बिंदु से लगभग 14-15 किमी दूर है। जम्मू क्षेत्र में आईबी और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय हिस्से में अब तक पाकिस्तान से एक ड्रोन सबसे दूर 12 किमी तक आया है।

अधिकारियों ने कहा कि वायुसेना स्टेशन पर हमला करने के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के इस्तेमाल के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों का हाथ होने का संदेह है।

वायुसेना स्टेशन पर हमला जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जम्मू में लगभग 5 किलोग्राम वजन वाले तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) के साथ लश्कर-ए-तैयबा के एक कथित ऑपरेटिव को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद हुआ।


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