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एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई-बीकेआई से जुड़े 4 आरोपियों के खिलाफ तीसरी चार्जशीट दायर की

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और लॉरेंस बिश्नोई संगठित आपराधिक गिरोह से जुड़े लोगों के संबंध में चार लोगों के खिलाफ तीसरी चार्जशीट दायर की है

एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई-बीकेआई से जुड़े 4 आरोपियों के खिलाफ तीसरी चार्जशीट दायर की
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और लॉरेंस बिश्नोई संगठित आपराधिक गिरोह से जुड़े लोगों के संबंध में चार लोगों के खिलाफ तीसरी चार्जशीट दायर की है।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने दरमन सिंह उर्फ दरमनजोत काहलों, परवीन वाधवा उर्फ प्रिंस, युद्धवीर सिंह उर्फ साधु और विकास सिंह के खिलाफ शुक्रवार को आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता के महत्वपूर्ण विवरण के साथ चार्जशीट दायर की।

उन पर यूए (पी) अधिनियम की कई धाराओं के तहत आतंक की लहर फैलाने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

अधिकारी ने कहा कि दरमन जोत सिंह कनाडा स्थित भगोड़े लखबीर सिंह उर्फ लांडा, प्रतिबंधित आतंकी संगठन बीकेआई और बिश्नोई आतंक व अपराध सिंडिकेट के बीच प्रमुख संपर्कों में से एक है।

अधिकारी ने कहा, ''अमेरिका से संचालित करते हुए दरमनजोत सिंह भारत में खपत के लिए पाकिस्तान से आने वाली सीमा पार से हथियारों, विस्फोटकों और ड्रग्स या हेरोइन की तस्करी सहित कई आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है।''

जबकि वाधवा बिश्नोई आतंकी सिंडिकेट के सहयोगियों में से एक है और आतंकी गिरोह के सदस्यों के बीच महत्वपूर्ण जानकारी के प्रसार में मुख्य भूमिका निभाता था।

अधिकारी ने कहा, "जांच से संकेत मिला है कि वह संचार चैनलों के समन्वय में सहायक था, जिससे गिरोह के सदस्यों, यहां तक कि विभिन्न जेलों में बंद लोगों के बीच सहज बातचीत संभव हो सकी।"

युद्धवीर सिंह का नाम लॉरेंस आतंकी सिंडिकेट के मुख्य हथियार खरीदार के रूप में सामने आया है। युद्धवीर की भूमिका और विशेषज्ञता विदेशों से हथियारों व गोला-बारूद की खरीद को सुविधाजनक बनाने तक फैली हुई है।

इस बीच, विकास सिंह कुख्यात लॉरेंस गिरोह का एक और सहयोगी है जो कई राज्यों में आतंकी हमलों तथा आपराधिक अभियानों को अंजाम देने में शामिल गिरोह के विभिन्न सदस्यों को शरण प्रदान करने में शामिल रहा है।

अधिकारी ने कहा, "उसने मोहाली में पंजाब पुलिस राज्य खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार गिरोह के सदस्यों को सुरक्षित आश्रय प्रदान किया।"

एजेंसी ने आरोपियों के पास से हथियार, गोला-बारूद और अन्य आपत्तिजनक डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए हैं। जांच के बाद एनआईए हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में स्थापित ठिकानों तक पहुंची, जिनका इस्तेमाल गैंगस्टरों को शरण देने और हथियार जमा करने के लिए किया जा रहा था।

इस साल 24 मार्च को एनआईए ने 14 आरोपियों के खिलाफ अपनी प्रारंभिक चार्जशीट दायर की। इसके बाद 9 अगस्त को तीन अतिरिक्त व्यक्तियों के खिलाफ पहली सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया। आज की कार्रवाई से इस मामले में एनआईए द्वारा अब तक चार्जशीट दाखिल किए गए आरोपियों की कुल संख्या 21 हो गई है।


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