Top
Begin typing your search above and press return to search.

एनआईए ने पुणे आईएस आतंकी मॉड्यूल मामले में सात के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को कहा कि उसने पुणे आईएस आतंकी मॉड्यूल मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है

एनआईए ने पुणे आईएस आतंकी मॉड्यूल मामले में सात के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया
X

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को कहा कि उसने पुणे आईएस आतंकी मॉड्यूल मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।

आरोप पत्र में, एनआईए ने उल्लेख किया कि आरोपी आतंकवादी संगठन के लिए धन इकट्ठा करने और ज्ञात तथा वांछित आतंकवादियों को शरण देने में शामिल थे।

जिन सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और आरोप पत्र में नामित किया गया है, वे हैं मध्य प्रदेश के रतलाम के निवासी मोहम्मद इमरान मोहम्मद यूसुफ खान और मोहम्मद यूनुस मोहम्मद याकूब साकी; पुणे निवासी कदीर दस्तगीर पठान और सीमाब नसीरुद्दीन काजी; तथा महाराष्‍ट्र के ठाणे निवासी जुल्फिकार अली बड़ौदावाला, शामिल साकिब नाचन और आकिफ अतीक नाचन।

एनआईए के एक अधिकारी ने यहां कहा कि एजेंसी ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संबंधित साजिश में शामिल सात लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करके आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

अधिकारी ने कहा, "आरोपी आतंक और हिंसा से संबंधित अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के इरादे से आतंकवादी संगठन के लिए धन इकट्ठा करने में शामिल थे।"

अधिकारी ने कहा कि आरोपियों को आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने, ज्ञात तथा वांछित आतंकवादियों को शरण देने और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के निर्माण की तैयारी के लिए काम करते हुए पाया गया।

अधिकारी ने कहा, "उनके पास आईईडी, फायरआर्म्‍स और गोला-बारूद भी पाया गया।"

आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मुंबई में एनआईए विशेष अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया है।

अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि मौजूदा मामले में आरोपी व्यक्ति प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएस के सदस्य हैं। उन्होंने लोगों में आतंक फैलाने और भारत की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने के इरादे से आईएस की आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश रची थी।

एनआईए की जांच में अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और चल रहे मामले में विदेश स्थित आईएस संचालकों की भागीदारी के साथ एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ।

जांच में भारत में आईएस की चरमपंथी विचारधारा का प्रचार करने के लिए प्रतिबद्ध व्यक्तियों के एक जटिल नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

इस नेटवर्क के हिस्से के रूप में आरोपी व्यक्तियों ने आईएस के स्वयंभू खलीफा के प्रति निष्ठा की शपथ ली और उन्हें तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों (आईईडी) के निर्माण में शामिल पाया गया।

उनका इरादा भारतीय धरती पर आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देना था।

आरोपियों ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा और तेलंगाना सहित कई राज्यों में व्यापक टोही मिशन (रेकी) किए।

अधिकारी ने कहा, "उनका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा करने वाले निर्मित आईईडी लगाने और विस्फोट करने के संभावित लक्ष्यों की पहचान करना था।"

उन्‍होंने बताया कि गिरफ्तार आतंकवादियों ने संभावित विस्फोटों के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए भी योजना तैयार कर रखी थी। उन्‍होंने दूरदराज और गहरे जंगलों को संभावित ठिकानों के रूप में चुना था। जंगलों में उचित स्‍थान की पहचान के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया।

अधिकारी ने कहा, ''वे अपने आतंकी मंसूबों और योजनाओं के लिए देश और विदेश दोनों ही स्रोतों से धन इकट्ठा कर रहे थे।''

यह मामला इस साल 19 जुलाई को दर्ज किया गया था। एनआईए ने इस साल 30 अगस्त को जांच अपने हाथ में ले ली।

एनआईए ने इससे पहले नामित विदेशी आतंकवादी संगठन की आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में सक्रिय भागीदारी के आरोप में मोहम्मद शाहनवाज आलम को 2 नवंबर को गिरफ्तार किया था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it