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छत्तीसगढ़ सीआरपीएफ कैंप हमला मामले में एनआईए ने 17 लोगों के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविरों पर 16 जनवरी को हुए हमलों के सिलसिले में 17 व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया

छत्तीसगढ़ सीआरपीएफ कैंप हमला मामले में एनआईए ने 17 लोगों के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र
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रायपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविरों पर 16 जनवरी को हुए हमलों के सिलसिले में शुक्रवार को 17 व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।

नामजद लोगों में से 16 फरार हैं, जबकि सोदी बामन उर्फ देवल नामक एक आरोपी फिलहाल हिरासत में है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जगदलपुर में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष पेश आरोपपत्र में भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की कई धाराएं लगाई गई हैं।

आरोपियों में दो केंद्रीय समिति सदस्य, दो विशेष क्षेत्रीय या राज्य समिति सदस्य और पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 01, तेलंगाना राज्य समिति और पामेड़ क्षेत्र समिति के वरिष्ठ कैडर शामिल हैं।

यह मामला 16 जनवरी 2024 को तीन सीआरपीएफ प्रतिष्ठानों नव-स्थापित धर्मावरम शिविर और चिंतावागु तथा पामेड़ में निकटवर्ती शिविर पर समन्वित हमलों से संबंधित है।

हमला करने वालों में कथित तौर पर प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के 250 से 300 कार्यकर्ता शामिल थे, जिन्होंने हथियार और आपूर्ति लूटने के प्रयास में स्वचालित हथियारों और बैरल ग्रेनेड लांचर का इस्तेमाल किया था।

धर्मावरम शिविर पर हुए हमले में 12 सीआरपीएफ जवान घायल हो गए थे।

एनआईए ने 9 फरवरी 2024 को स्थानीय पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली थी। एजेंसी के अनुसार, आरोपी भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे। वे कथित तौर पर युवाओं की भर्ती करने, लक्षित शिविरों की टोह लेने तथा हमले की नकल करने के लिए एक नकली प्रशिक्षण सुविधा स्थापित करने में शामिल थे।

जांच में यह भी पाया गया कि आरोपियों ने भाषण दिए तथा हमले की तैयारी के लिए कार्यकर्ताओं को युद्ध प्रशिक्षण भी दिया।

मामले में आगे की कार्यवाही जगदलपुर अदालत में जारी रहने की उम्मीद है।


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