एनएच घोटाला: अदालत ने आईएएस पांडे की जमानत अर्जी की खारिज
उत्तराखंड के बहुचर्चित राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) -74 घोटाले में निलंबित आईएएस के अधिकारी पंकज पांडे को आज राहत नहीं मिल पायी

नैनीताल। उत्तराखंड के बहुचर्चित राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) -74 घोटाले में निलंबित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी डॉ. पंकज पांडे कोजिला न्यायाधीश भ्रटाचार निवारण (त्वरित)आज राहत नहीं मिल पायी। अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि उधमसिंह नगर जिले के एनएच -74 घोटाले में डॉ. पांडे आरोपी हैं। लगभग 300 करोड़ से अधिक के इस घोटाले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने डॉ. पांडे के खिलाफ कथित रूप से साक्ष्य पाये हैं।
इसके बाद एसआईटी की ओर से शासन को रिपोर्ट भेजी गयी, जिसमें उन्होंने श्री पांडे के खिलाफ मामला चलाये जाने की अनुमति मांगी थी।
इसके बाद सरकार ने 12 सितम्बर 2018 को डॉ. पंकज पांडे तथा एक अन्य आईएएस अधिकारी चंद्रेश यादव को निलंबित कर दिया था और डॉ. पांडे पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी थी।
डॉ पांडे ने गिरफ्तारी से बचने के लिये सितम्बर के आखिर में उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें कोई राहत नहीं देते हुए पहले निचली अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दायर करने को कहा था।
इसी के बाद डॉ. पांडे ने नैनीताल के भ्रष्टाचार निवारण (त्वरित) अदालत में अग्रिम जमानत के लिये अर्जी दायर की, जिस पर आखिरकार इसी साल तीन जनवरी को सुनवाई हुई लेकिन अदालत ने तब मामले में कोई फैसला नहीं सुनाया।
जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील शर्मा ने बताया कि आज जिला न्यायाधीश भ्रटाचार निवारण (त्वरित) नरेन्द्र दत्त की ओर से अंतिम फैसला सुनाया गया। अदालत ने डॉ. पांडे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में दो दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें पांच पीसीएस अधिकारी l
कई किसान भी शामिल हैं। इन पर आरोप है कि एनएच-74 के विस्तारीकरण के लिये अधिग्रहीत जमीन का लैंड यूज बदल कर इन्होंने सरकारी राजस्व को चूना लगाया है। कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से बैक डेट में जमीन का लैंड यूज बदला गया है।
जिस समय लैंड यूज बदला गया उस समय डॉ. पांडे तब उधमसिंह नगर जिला के जिलाधिकारी तैनात थे।


