आर्थिक महत्व के बावजूद एफएनजी पर एनएचएआई नहीं दिखा रहा रूचि
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश का आइना शहर में निवेश की दृष्टि से महत्वपूर्ण है

नोएडा। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश का आइना शहर में निवेश की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसमे अहम भागीदारी फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (एफएनजी) की है। जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है।
हालांकि अक्टूबर-2015 से एफएनजी में कोई प्रगति नहीं देखी गई। जबकि नोएडा में इस हाइवे का करीब 17 प्रतिशत हिस्से का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। लिहाजा प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने चिंता जताते हुए एनएचएआई से एफएनजी की पूरी कार्ययोजना मांगी है। साथ ही एफएनजी के निर्माण में समर्थन करने की पेशकश भी की है।
एफएनजी एक ऐसा कॉरिडोर होगा जिसमे वाहन चालकों को फरीदाबाद जाने के लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं होगी। लिहाजा इस सड़क के रणनीतिक महत्व को देखते हुए, कई रियल एस्टेट परियोजनाएं व कंपनियां भी नोएडा में आ गई हैं। जिससे शहर के लोगों को रोजगार के सात आवास भी मिलेगा। दरअसल, अक्टूबर 2015 में सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने एक गैर-परिचालन 43 किमी एफएनजी एक्सप्रेस एक्सप्रेस को 75 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग में बदलने का फैसला किया।
परियोजना अक्टूबर के बाद से कोई प्रगति नहीं देखी है। हाल ही में नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक टंडन ने सेक्टर-137 में इस परियोजना के एक खंड पर एक निरीक्षण किया। निरिक्षण के बाद सीईओ ने एनएचएआई अधिकारियों से कहा कि हम यह समझना चाहते हैं कि यह परियोजना कब पूरी हो जाएगी। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नोएडा व अन्य एनसीआर क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करेगा।
इसलिए, हम इस परियोजना के काम में तेजी लाने में एनएचएआई का समर्थन करना चाहते हैं। नोएडा में 17 किमी एफएनजी खंड पर 70 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। लेकिन एनएचआई द्वारा इसे पूरा करने में रूचि नहीं दिखाई जा रही। लिहाजा प्राधिकरण ने एफएनजी की कार्ययोजना की पूरी जानकारी मांगी है।
एनएचएआई ने अभी तक नहीं साझा की कोई रिपोर्ट
2016 में, एनएचएआई ने इस परियोजना पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक सलाहकार तैयार किया था जो गाजियाबाद के एनएच -58 से शुरू होकर 75 किलोमीटर की दूरी पर है। यह रोड हरियाणा के रेवाड़ी में समाप्त हो रही है। खास बात यह है कि फरीदाबाद तक जाने के लिए वाहन चालकों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करना होगा।
ऐसे में सामरिक दृष्टि से यह हाइवे प्रदेश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि, एनएचएआई ने अभी तक इस परियोजना पर प्रगति रिपोर्ट साझा नहीं की है।


