एनएचएआई सुलह के माध्यम से दावों के निपटारे में ला रही तेजी
एनएचएआई सुलह के माध्यम से दावों के निपटारे में तेजी ला रही है। इसके लिए एनएचएआई ने तीन स्वतंत्र विशेषज्ञों वाली सुलह समितियों का गठन किया है

नई दिल्ली। एनएचएआई सुलह के माध्यम से दावों के निपटारे में तेजी ला रही है। इसके लिए एनएचएआई ने तीन स्वतंत्र विशेषज्ञों वाली सुलह समितियों का गठन किया है, जिसके जरिए सुलह की प्रक्रिया को तेजी के साथ शुरू कर दिया गया है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने बताया है कि इस सुलह समितियों में तीन सदस्य बनाए गए हैं, जिसका नेतृत्व न्यायपालिका के सेवानिवृत्त अधिकारी, लोक प्रशासन, वित्त और निजी क्षेत्र के वरिष्ठ विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है।
मंत्रालय ने बताया है कि मध्यस्थता अधिनियम 2015 और इसमें किए गए संशोधन के मुताबिक, सभी मध्यस्थता विवादों का निपटारा 12 से 18 महीने की अवधि के अंदर किया जाएगा। इसके जरिये सुलह का रास्ता और दावों का निपटारा तेजी के साथ, न्यायपूर्ण और पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित होगा।
इस प्रक्रिया के तहत प्रत्येक मामले में सुलह और निपटान कार्यवाही, शुरुआत के दिन से लेकर छह महीने की अवधि के अंदर पांच बैठकों के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।
गौरतलब है कि अब तक, कुल 13,349 करोड़ रुपये के दावों के निपटारे के लिए 108 मामले भेजे गए और जिनका 3,743 करोड़ रुपये की राशि के साथ सफलतापूर्वक निपटारा किया गया है। इसके साथ ही एनएचएआई द्वारा सभी विवादों को सुलह के माध्यम से सुलझाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रणाली पर काम किया जा रहा है।
इसके माध्यम से न केवल लंबे समय से चली आ रही मध्यस्थता प्रक्रिया में कानूनी परेशानियों में कमी आएगी, बल्कि मध्यस्थता के मामलों में फंसी हुई राशि को निजी क्षेत्र के पुनरुद्धार में भी लगाया जा सकता है।


