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भू-जल दोहन पर एनजीटी सख्त

भूजल दोहन पर एनजीटी ने सख्ती की है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी से गाजियाबाद और हापुड़ में वैध और अवैध बोरवेल का डाटा मांगा है।

भू-जल दोहन पर एनजीटी सख्त
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गाजियाबाद। भूजल दोहन पर एनजीटी ने सख्ती की है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी से गाजियाबाद और हापुड़ में वैध और अवैध बोरवेल का डाटा मांगा है। इस मामले में अब 8 मार्च को सुनवाई होगी।

साहिबाबाद कड़कड़ मॉडल गांव निवासी सुशील राघव ने गाजियाबाद-हापुड़ में वृहद स्तर पर भूजल दोहन किया जा रहा है। जबकि 1998 में ही नोटिफिकेशन जारी कर सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी ने गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में भूजल दोहन पर पाबंदी लगा दी थी। इस मामले में 9 फरवरी को सुनवाई थी।

याचिकाकर्ता सुशील राघव ने बताया कि उनके अधिवक्ता ने एनजीटी के समक्ष कहा है कि सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी (सीजीडब्ल्यूए) ने कार्रवाई नहीं की है। अधिकारियों ने अभी तक यह भी चिह्नित नहीं किया कि दोनों क्षेत्र में कितने अवैध और कितने वैध बोरवेल है। एनजीटी ने सीजीडब्ल्यूए के अधिकारियों को बोरवेल का डाटा देने के आदेश दिए हैं।


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