एनएफएलटी के उग्रवादियों ने किया तीन श्रमिकों का अपहरण
त्रिपुरा में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएफएलटी) के उग्रवादियों ने सोमवार को राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम (एनपीसीसी) के तीन निर्माण श्रमिकों का अपहरण कर लिया

अगरतला। त्रिपुरा में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएफएलटी) के उग्रवादियों ने सोमवार को राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम (एनपीसीसी) के तीन निर्माण श्रमिकों का अपहरण कर लिया।
ये मजदूर ढलाई जिले के गंडचेर्रा के सुदूर मालदापारा में भारत-बांग्लादेश सीमा के एक महत्वपूर्ण हिस्से में कंटीले तारों की बाड़ लगाने के काम में लगे थे। पुलिस के मुताबिक उग्रवादियों ने उन्हें बंदूक की नोक पर गंगानगर पुलिस थाने के तहत बिस्वास बीओपी अधिकार क्षेत्र में सीमा स्तंभ संख्या 227 और 2278 के बीच एनपीसीसी निर्माण स्थल से अगवा किया और बांग्लादेश के चटगांव हिल ट्रैक्ट में अपने ठिकाने पर ले गये। पीड़ित मजदूरों से थोड़ी ही दूरी पर काम कर रहे मजदूर वहां से भाग गये और घटना की सूचना सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को दी। अपहरणकर्ताओं ने अभी तक कोई फिरौती नहीं मांगी है। अगवा किये जाने वालों में एक साइट प्रबंधक और दो अन्य श्रमिक शामिल हैं, जिनकी पहचान उदयपुर के सुभाष भौमिक, बिशालगढ़ के सुबल देबनाथ और एमके पारा के गणपति त्रिपुरा के रूप में हुयी है।
ढलाई जिले के पुलिस अधीक्षक किशोर देबबर्मा ने कहा कि त्रिपुरा राज्य राइफल्स (टीएसआर) और बीएसएफ का पिछले 24 घंटों से इलाके में तलाशी अभियान जारी है, लेकिन अभी तक पीड़ितों का कुछ पता नहीं लग पाया है। मजदूरों को बचाने के लिये बीएसएफ ने बांग्लादेश की पुलिस और सेना के समक्ष भी मामला उठाया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक खोवई और गंडचेर्रा के सीमावर्ती इलाकों में एनएलएफटी की किसी भी हरकत को लेकर बीएसएफ को सतर्क रहने और सुरक्षा बढ़ाने के लिये कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि एक महीना पहले उग्रवादियों की हरकत के बारे में राज्य पुलिस की खुफिया जानकारी को बीएसएफ के साथ साझा और उससे बाड़ लगाने वाले श्रमिकों और स्थानीय निवासियों के लिये सुरक्षा बढ़ाने का आग्रह किया गया था।


