2जी स्पेकट्रम पर आगे की कार्रवाई जांच एजेंसियों को करनी है: मनोज सिन्हा
संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने 2जी घोटाले पर निचली अदालत के फैसले के मद्देजनर आज कहा कि इस पर आगे की कार्रवाई जांच एजेंसियों को करनी है

नयी दिल्ली। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने 2जी घोटाले पर निचली अदालत के फैसले के मद्देजनर आज कहा कि इस पर आगे की कार्रवाई जांच एजेंसियों को करनी है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता जो बातें कह रहे हैं वे पूरी तरह गलत हैं।
श्री सिन्हा ने निचली अदालत के फैसले पर संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में वर्ष 2012, 2013 अौर 2014 में स्पेक्ट्रम आवंटन से प्राप्त राशि और मोदी सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2015 और 2016 की नीलामी से प्राप्त राशि में भारी अंतर है और सरकारी राजस्व का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की वर्ष 2001 में ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की नीति थी, लेकिन वर्ष 2008 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने इस नीति में बदलाव किया और इसे ‘पहले भुगतान करो, पहले पाओ’ कर दिया।
उन्होंने कहा कि निचली अदालत के फैसले पर कांग्रेस नेता जो कह रहे हैं वे पूरी तरह गलत है। वर्ष 2012 में उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में गड़बड़ियां होने की बात कही थी और इसमें सत्ता का हस्तक्षेप बताया था। इसके मद्देनजर उसने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन रद्द किया था क्योंकि आवंटन की प्रक्रिया दोषपूर्ण और भ्रष्टाचारयुक्त थी।
सिन्हा ने कहा कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने भी वर्ष 2008 की स्पेक्ट्रम आवंटन की नीति को दोषपूर्ण माना है जबकि वर्ष 2015 अौर 2016 के आवंटन को पारदर्शी बताते हुये तारीफ की है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने इस मामले के सभी 19 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस मामले में सच्चाई सबके सामने आयी है। भाजपा ने 2जी में भ्रष्टाचार को सत्ता की सीढ़ी बनायी और इसका खूब दुष्प्रचार किया। इस झूठ का फल सत्ता के रूप में उन्हेें मिला। अब उनका झूठ पकड़ा गया है और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। माफी सिर्फ कांग्रेस और देश से ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से मांगनी चाहिए क्योंकि इसे दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला कहकर प्रचारित किया गया था।


