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हम नहीं चाहते ऐसा बांग्लादेश : महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर फूटा लोगों का गुस्सा, देश भर में विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली वर्तमान अंतरिम सरकार के शासन में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती अपराध की घटनाओं के खिलाफ सैकड़ों छात्र राजधानी ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर उतर आए

हम नहीं चाहते ऐसा बांग्लादेश : महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर फूटा लोगों का गुस्सा, देश भर में विरोध प्रदर्शन
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ढाका। बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली वर्तमान अंतरिम सरकार के शासन में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती अपराध की घटनाओं के खिलाफ सैकड़ों छात्र राजधानी ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर उतर आए।

जहांगीरनगर विश्वविद्यालय (जेयू) के आंदोलनकारी छात्रों ने देश में व्याप्त अराजकता को उजागर करने के लिए सोमवार तड़के ढाका-अरिचा राजमार्ग को ब्लॉक कर दिया।

छात्र बलात्कार पीड़ितों के लिए न्याय, अपराधियों के लिए कड़ी सजा और गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यूनुस सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

हाल ही में एक अधेड़ उम्र के शख्स द्वारा एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किए जाने के मामले ने पूरे देश में आक्रोश को जन्म दे दिया। इस घटना के बाद से ही देश भर में विरोध मार्च शुरू हो गए।

प्रदर्शनकारियों में से एक ने स्थानीय पत्रकारों से कहा, "हम एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां हम सभी पीड़ित हैं। सरकार हमारी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती।"

बांग्लादेश के डेली स्टार ने एक अन्य आक्रोशित प्रदर्शनकारी के हवाले से कहा, "कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है, चाहे वह बच्ची हो, गर्भवती महिला हो, विकलांग हो या बुजुर्ग हो। यह वह बांग्लादेश नहीं है जिसे हम चाहते थे। बलात्कारियों को मृत्युदंड मिलना चाहिए। हम यौन हिंसा का एक और मामला बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

ढाका विश्वविद्यालय, नॉर्थ साउथ विश्वविद्यालय, इंडिपेंडेंट विश्वविद्यालय और राजशाही विश्वविद्यालय सहित कई शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों और शिक्षकों ने देश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और यौन हिंसा के बढ़ते मामलों को लेकर प्रदर्शन किया।

रविवार को 'विश्वविद्यालय शिक्षक नेटवर्क' ने ढाका विश्वविद्यालय के अपराजियो बांग्ला में एक सभा आयोजित की। इसमें छह विश्वविद्यालयों के शिक्षक और छात्र शामिल हुए। उपस्थित लोगों ने महिलाओं के खिलाफ चल रही हिंसा की निंदा की, इसके मूल कारणों पर चर्चा की और सरकार की नाकामियों की आलोचना की।

बैठक के दौरान ढाका विश्वविद्यालय की प्रोफेसर तस्नीम सिराज महबूब ने गृह मामलों के सलाहकार को बर्खास्त करने की मांग की। बांग्लादेश के प्रमुख अखबार ढाका ट्रिब्यून ने महबूब के हवाले से कहा, "इस्तीफा एक सम्मानजनक विदाई है। वह इस सम्मान के हकदार नहीं हैं।"

अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश भर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सैकड़ों मामले सामने आए हैं। बांग्लादेश महिला परिषद की अध्यक्ष फौजिया मोस्लेम ने कहा, "समाज अराजकता की ओर बढ़ रहा है, कानून प्रवर्तन की विफलता, समझौता और जवाबदेही की कमी अपराधियों को सशक्त बना रही है।"


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