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विजिथा हेराथ दोबारा बने श्रीलंका के विदेश मंत्री, जयशंकर ने दी बधाई

विजिथा हेराथ ने श्रीलंका के विदेश मंत्री के तौर पर पदभार संभाल लिया। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर वर्तमान में जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील में हैं। उन्होंने भी हेराथ को उनकी उनकी दोबारा नियुक्ति पर बधाई दी

विजिथा हेराथ दोबारा बने श्रीलंका के विदेश मंत्री, जयशंकर ने दी बधाई
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कोलंबो। विजिथा हेराथ ने श्रीलंका के विदेश मंत्री के तौर पर पदभार संभाल लिया। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर वर्तमान में जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील में हैं। उन्होंने भी हेराथ को उनकी उनकी दोबारा नियुक्ति पर बधाई दी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'एक्स' पर एक पोस्ट किया, "श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिथा हेराथ को उनकी दोबारा नियुक्ति पर बधाई। दोस्ती के हमारे ऐतिहासिक बंधन को और मजबूत करने और पारस्परिक लाभ के लिए हमारी व्यापक साझेदारी को गहरा करने के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हूं।"

विदेश मंत्री ने पिछले महीने कोलंबो की अपनी यात्रा के दौरान हेराथ के साथ विस्तृत चर्चा की थी।

22 सितंबर को दिसानायके के पदभार ग्रहण करने के बाद श्रीलंका का दौरा करने वाले जयशंकर पहले उच्च-स्तरीय विदेशी गणमान्य थे।

इससे पहले सोमवार सुबह कोलंबो स्थित राष्ट्रपति सचिवालय में राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के समक्ष शपथ लेने वाले 21 कैबिनेट मंत्रियों में हेराथ भी शामिल थे।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 21 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद दिसानायके ने जिस कैबिनेट के साथ शासन की बागडोर संभाली उसमें हरिनी अमरसूर्या और विजिथा हेराथ शामिल थे।

नए कैबिनेट मंत्रियों का चयन 14 नंवबर को हुए संसदीय चुनाव में विजयी रहे नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के 159 सांसदों में से किया गया।

आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली लागू होने के बाद यह पहली बार है जब किसी राजनीतिक दल ने संसद में दो-तिहाई बहुमत हासिल किया।

अमरसूर्या नए मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री के रूप में काम करती रहेंगी। हेराथ को विदेश मामलों के साथ ही विदेशी रोजगार और पर्यटन मंत्री का कार्यभार भी संभालेंगे।

नए मंत्रिमंडल को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि लोगों ने श्रीलंका की राजनीतिक और आर्थिक दिशा बदलने के लिए सितंबर और नवंबर में दो बार एनपीपी को वोट दिया।

दिसानायके ने कहा कि लोगों ने एनपीपी पर उनकी नीतियों और पार्टी सदस्यों की ईमानदारी के आधार पर भरोसा जताया है और अब से लोग एनपीपी का मूल्यांकन सरकार के रूप में उनके प्रदर्शन के आधार पर करेंगे।


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