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यूक्रेन संघर्ष-विराम वार्ता पर पुतिन से 'बहुत नाराज' ट्रंप

अमेरिकी प्रसारक एनबीसी के मुताबिक, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष-विराम वार्ता को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन से "बहुत नाराज" हैं और उन्होंने रूसी तेल पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी दी है

यूक्रेन संघर्ष-विराम वार्ता पर पुतिन से बहुत नाराज ट्रंप
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अमेरिकी प्रसारक एनबीसी के मुताबिक, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष-विराम वार्ता को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन से "बहुत नाराज" हैं और उन्होंने रूसी तेल पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी दी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 30 मार्च (रविवार) को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति नाराजगी जाहिर की. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका और रूस यूक्रेन में लड़ाई रोकने के लिए किसी समझौते पर नहीं पहुंचे तो वह रूसी तेल पर सेकेंडरी टैरिफ (अतिरिक्त आर्थिक पाबंदियां) लगाएंगे.

यह टिप्पणियां ऐसे समय में में आई हैं जब अमेरिका, सऊदी अरब की मेजबानी में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध खत्म करने के लिए कोशिशें कर रहा है.

पुतिन से क्यों 'नाराज' हैं ट्रंप

अमेरिकी न्यूज चैनल एनबीसी की पत्रकार क्रिस्टन वेलकर ने कहा कि ट्रंप ने उन्हें फोन पर दिए एक विशेष साक्षात्कार में रूसी राष्ट्राध्यक्ष के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की.

ट्रंप ने कहा, "अगर रूस और मैं, यूक्रेन में खूनखराबा रोकने के लिए कोई समझौता करने में असमर्थ रहते हैं, और अगर मुझे लगता है कि यह रूस की गलती थी- जो हो भी सकती है या नहीं- लेकिन अगर मुझे लगता है कि यह रूस की गलती थी, तो मैं रूस से आने वाले सारे तेल पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने जा रहा हूं."

वेलकर ने ट्रंप का हवाला देते हुए कहा कि रूसी तेल पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी "किसी भी समय" दी जा सकती है. साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रंप "इस हफ्ते पुतिन से बात करने की योजना बना रहे हैं."

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का जिक्र करते हुए ट्रंप ने वेलकर को बताया, "मैं बहुत गुस्से में था जब पुतिन, जेलेंस्की की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने लगे और यूक्रेन में नए नेतृत्व की बात करने लगे."

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान ट्रंप ने अपना दूसरा कार्यकाल शुरू होने के तुरंत बाद यूक्रेन युद्ध खत्म करने का वादा किया था. ट्रंप इसी साल 20 जनवरी को दूसरी बार राष्ट्रपति बने हैं. ट्रंप और पुतिन के बीच दो टेलीफोन वार्ताओं की सार्वजनिक घोषणा हो चुकी है. ऐसी आखिरी बातचीत 19 मार्च को हुई थी.

जेलेंस्की खनिज समझौते से पीछे हटना चाहते हैं: ट्रंप

पुतिन के रुख के अलावा ट्रंप ने अलग से, जेलेंस्की को अमेरिका के साथ दुर्लभ खनिजों के समझौते (रेयर अर्थ मिनरल डील) से पीछे ना हटने की चेतावनी दी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति के हवाई जहाज 'एयर फोर्स वन' पर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "मैं देख रहा हूं कि वह दुर्लभ खनिज समझौते से पीछे हटने की कोशिश कर रहे हैं."

अमेरिकी राष्ट्रपति ने जोड़ा: अगर जेलेंस्की ऐसा करते हैं, तो "उनके सामने कुछ समस्याएं होंगी, बड़ी-बड़ी समस्याएं." ट्रंप ने यह भी कहा कि यूक्रेन "कभी भी नाटो का हिस्सा नहीं बनने जा रहा है" और जेलेंस्की इसे समझते हैं.

जेलेंस्की को हटाने का दबाव डाल रहे पुतिन

शुक्रवार (28 मार्च) को पुतिन ने सुझाव दिया कि यूक्रेन को संयुक्त राष्ट्र की देखरेख वाले "अस्थायी प्रशासन" के तहत लाया जाए जो शांति समझौते पर बातचीत से पहले देश में चुनावों की निगरानी करेगा. वहीं अमेरिकी वाइट हाउस ने कहा कि देश का शासन तय करना यूक्रेनी लोगों और उनके संविधान पर निर्भर करता है.

यूक्रेनी संविधान युद्धकाल के दौरान चुनाव की इजाजत नहीं देता. यूक्रेन के सहयोगियों का मानना है कि नए चुनाव का इस्तेमाल करके पुतिन, रूसी झुकाव वाले किसी व्यक्ति को सरकार का प्रमुख नियुक्त करने की कोशिश करेंगे.

पढ़ें: रूस-यूक्रेन युद्ध: क्या चाहते हैं पुतिन?

अस्थायी 'ऊर्जा संघर्ष-विराम' का उल्लंघन

रूस और यूक्रेन मार्च की शुरुआत में ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाने पर रोक लगाने के लिए रजामंद हुए थे. लेकिन कीव और मॉस्को- दोनों ने एक-दूसरे पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

इसके अलावा रूस और यूक्रेन ने काले सागर में जहाजों पर सैन्य हमले करने से बचने पर सहमति व्यक्त की थी. लेकिन यूक्रेन ने रविवार (30 मार्च) को रूस पर "युद्ध अपराध" का आरोप लगाया है. यूक्रेनी प्रशासन के मुताबिक, खार्कीव शहर में उस रात 6 हमले हुए, जिनमें एक हमला एक अस्पताल में हुआ जहां जख्मी सैनिकों का इलाज चल रहा था.


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