दशकों बाद ऐसे बढ़ी दक्षिण कोरिया में जन्म दर
दुनिया में सालाना सबसे कम बच्चे दक्षिण कोरिया में पैदा होते हैं. कई लोग शादी नहीं करना चाहते और बच्चे भी कम ही पैदा करते हैं. लेकिन लंबे समय बाद इसमें सुधार आया है

दुनिया में सालाना सबसे कम बच्चे दक्षिण कोरिया में पैदा होते हैं. कई लोग शादी नहीं करना चाहते और बच्चे भी कम ही पैदा करते हैं. लेकिन लंबे समय बाद इसमें सुधार आया है.
एक नए आंकड़े को देख कर पूरा दक्षिण कोरिया खुशी से झूम उठा है. असल में 9 साल बाद पहली बार देश की जन्म दर बढ़ी है. एक ऐसे देश के लिए ये बेहद खुशी की बात है, जिसकी जनसंख्या लगातार घट रही थी. दक्षिण कोरिया दुनिया में सबसे कम जन्म दर वाला देश है.
भारत के कुछ राज्य क्यों चाहते हैं कि लोग ज्यादा बच्चे पैदा करें?सरकारी सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, 2024 में देश की प्रजनन दर पिछले 9 सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर थी. यह 0.72 से बढ़कर 0.75 पर पहुंच गई है. हालांकि दक्षिण कोरिया की 5 करोड़ से ज्यादा की आबादी के संतुलन को बनाए रख पाने के वास्तविक आंकड़े (2.1) से फिलहाल यह अभी काफी दूर है.
भारत के कुछ राज्य क्यों चाहते हैं कि लोग ज्यादा बच्चे पैदा करें?
सांख्यिकी एजेंसी के अनुसार, दक्षिण कोरिया की जनसंख्या जो 2020 में 5.1 करोड़ थी, इसके 2072 तक घटकर 3.6 करोड़ रह जाने का अनुमान है. राजधानी सियोल में मौजूद राष्ट्रीय संग्रहालय में एक राष्ट्रपति समिति के विज्ञापन बड़ी स्क्रीन पर लगे हैं, जिसे 2023 में घटती जन्म दर को सुधारने के तरीके खोजने के लिए बनाया गया था. सरकार ने जन्म दर बढ़ाने के प्रयास पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं.
कम जन्म दर की वजह
विशेषज्ञ कम जन्म दर की वजह बच्चों को पालने पर होने वाला खर्च, घर और जमीन की ऊंची कीमतें और ज्यादा सैलरी वाली नौकरियों की कमी को मानते हैं. 41 साल की पार्क ये-जिन इस बात से दुखी हैं. वह कहती हैं, "मेरे बेटे ने हाल ही में पढ़ाई पूरी की लेकिन उसके साथ बहुत कम बच्चे थे. आखिरी दिन का समारोह बिल्कुल खाली लग रहा था."
सरकार ने जन्म दर में हुई हालिया वृद्धि के लिए शादी के प्रति लोगों की सोच में आए बदलाव को भी एक कारण माना है. कोविड महामारी के बाद शादियों में हुई बढ़ोत्तरी और सरकारी नीतियां भी इसकी वजह बनीं. 2024 की दूसरी छमाही में जिन महिलाओं के दूसरे बच्चे पैदा हुए उनकी संख्या में 12 फीसदी और पहले बच्चे पैदा होने की संख्या में 11 फीसदी का उछाल आया.
जनसंख्या नीति के राष्ट्रीय सचिव यू ह्ये-मी ने रॉयटर्स को बताया, आने वाले सालों में जन्म दर में होने वाली बढ़ोत्तरी और तेज होगी.
सरकार इस साल तीन मुख्य क्षेत्रों में 19.7 ट्रिलियन वोन (13.76 अरब डॉलर) खर्च करने की योजना बना रही है, जो 2024 से 22 फीसदी ज्यादा है.
मॉर्गन स्टेनली की मुख्य अर्थशास्त्री कैथलीन ओह कहती हैं, "कोरिया दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण जनसांख्यिकी का सामना कर रहा है. पिछले साल जून में जब सरकार ने राष्ट्रीय जनसांख्यिकी आपातकाल की घोषणा की, तो उसने मामले को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया."
सरकार के कदम
देश में नीतिगत बदलाव लाए जा रहे हैं. अब पेरेंटल लीव लेने वाले माता-पिता को छह महीने तक पूरा वेतन दिया जाएगा, जबकि पहले इसकी अधिकतम अवधि तीन महीने थी. इसके अलावा, अगर माता-पिता दोनों छुट्टी लेना चाहते हैं तो इसकी अधिकतम अवधि को बढ़ाकर अब एक साल से डेढ़ साल कर दिया गया है.
घटती जन्म दर कैसे बढ़ा रही है गरीब देशों पर बोझ
छुट्टी लेने पर सरकार छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) के कर्मचारियों को भी सैलरी देगी. इसी का नतीजा है कि 2024 में शादियों की संख्या तेजी से बढ़ी. पिछले साल हुए सरकारी सर्वे में 52 फीसदी से ज्यादा लोग शादी को लेकर सकारात्मक दिखे.
दक्षिण कोरिया में आखिरी बार जन्म दर में उछाल 1991-1996 में आया था. देश का लक्ष्य फिलहाल प्रजनन दर को बढ़ाकर 1 के आंकड़े पर ले जाना है.