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स्पेन की तरक्की: विकास, प्रवासन और बढ़ती नाराजगी की कहानी

पिछले साल स्पेन की अर्थव्यवस्था बाकी यूरोप के मुकाबले चार गुना ज्यादा तेजी से बढ़ी है. अचानक ऐसा क्या हुआ कि स्पेन की अर्थव्यवस्था की राह बदल गई? इसमें प्रवासियों का योगदान अहम रहा है

स्पेन की तरक्की: विकास, प्रवासन और बढ़ती नाराजगी की कहानी
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पिछले साल स्पेन की अर्थव्यवस्था बाकी यूरोप के मुकाबले चार गुना ज्यादा तेजी से बढ़ी है. अचानक ऐसा क्या हुआ कि स्पेन की अर्थव्यवस्था की राह बदल गई? इसमें प्रवासियों का योगदान अहम रहा है.

स्पेन यूरोप की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन चुका है. 2024 में इसकी विकास दर 3.2 फीसदी रही, जो यूरोजोन औसत से चार गुना ज्यादा है. इस उछाल का बड़ा कारण प्रवासन और पर्यटन है, लेकिन यह आर्थिक सफलता कुछ गंभीर चुनौतियां भी लेकर आई है, खासकर मकानों की भारी कमी, जो भविष्य में मुश्किलें बढ़ा सकती है.
स्पेन की अर्थव्यवस्था विदेशी मजदूरों के योगदान और पर्यटन उद्योग की मजबूती से बढ़ रही है. 2024 में रिकॉर्ड 9.4 करोड़ पर्यटकों के साथ यह दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला देश बन गया. वहीं, प्रवासी मजदूरों ने होटल और कंस्ट्रक्शन जैसे क्षेत्रों को संजीवनी दी है. जब जर्मनी जैसी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में आप्रवासन का विरोध हो रहा है, तब स्पेन ने यह दिखाया कि प्रवासी कैसे किसी देश के लिए एक पूंजी साबित हो सकते हैं.
स्पेन के सोशल सिक्योरिटी और प्रवासन मंत्रालय के अनुसार, 2022 के बाद से पैदा हुईं 45 फीसदी नई नौकरियों पर प्रवासियों का कब्जा है. ओईसीडी के आंकड़ों के मुताबिक, स्पेन की 3 फीसदी विकास दर यूरोजोन औसत (0.8 फीसदी) और अमेरिका (2.8 फीसदी) से भी ज्यादा रही.
स्पेन में आईएनजी के निवेश रणनीति प्रमुख फ्रांसिस्को क्विंटाना कहते हैं, “अगर प्रवासन न हो, तो अर्थव्यवस्था बढ़ेगी नहीं, लेकिन इससे मकान की समस्या और गंभीर हो जाती है.” पर्यटन उद्योग भी स्पेन की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बना हुआ है. इससे छोटे कारोबारों को मजबूती मिली और हजारों नई नौकरियां पैदा हुईं. यूपीटीए (स्वरोजगार संघ) की प्रमुख मारिया होजे लांदाबूरू कहती हैं, “पर्यटन क्षेत्र में श्रमिकों की भारी मांग बनी हुई है, लेकिन यह भी जरूरी है कि उन्हें उचित वेतन मिले.”

आर्थिक तरक्की के बीच घरों की भारी कमी

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के बावजूद आम स्पेनवासी संघर्ष कर रहे हैं. उनकी आय इतनी नहीं बढ़ी कि वे महंगाई का मुकाबला कर सकें. पिछले 10 वर्षों में मकानों की कीमत 44 फीसदी तक बढ़ गई है, जबकि किराया लगभग दोगुना हो चुका है. दूसरी ओर, 2012 से 2022 के बीच वेतन मात्र 19 फीसदी बढ़ा.


30 साल की टीचर सारा हुआर्तास जैसी कई युवा स्पेनवासी घर खरीदने की समस्या से जूझ रहे हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उन्होंने हाल ही में एक प्रदर्शन में कहा, “हमने मैड्रिड के दक्षिण में देखा, क्योंकि शहर में घर लेना नामुमकिन है, लेकिन फिर भी कुछ नहीं मिला.”
स्पेन के केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि देश में 6 लाख मकानों की कमी है और इसे पूरा करने के लिए हर साल 2.25 लाख नए मकान बनने चाहिए. एक्सटीबी के अर्थशास्त्री पाब्लो गिल कहते हैं, “हम मकान आपूर्ति की गंभीर समस्या देख रहे हैं. यह सिर्फ मैड्रिड या बार्सिलोना की बात नहीं, सभी बड़े शहर प्रभावित हो रहे हैं.”
इस समस्या का असर सिर्फ रहने पर नहीं बल्कि लोगों की नौकरियों और करियर पर भी पड़ रहा है. बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री गोंजालो बर्नार्डोस कहते हैं, “हम देख रहे हैं कि कई युवा पेशेवर अपने माता-पिता के साथ रहने को मजबूर हैं, क्योंकि वे किराया देने की स्थिति में नहीं हैं.”

दक्षिणपंथी दलों का बढ़ता प्रभाव

तेज विकास लेकिन बढ़ती असमानता के इस आर्थिक विरोधाभास ने राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है. अक्टूबर 2024 के 40डीबी सर्वे के अनुसार, 41 फीसदी स्पेनवासी प्रवासन को लेकर ‘बेहद चिंतित’ हैं, जो पिछले साल की तुलना में 16 फीसदी अधिक है.
दक्षिणपंथी पार्टी वोक्स को 2023 के चुनाव के बाद से दो प्रतिशत अंक की बढ़त मिली है और इसका समर्थन 14.2 फीसदी हो गया है. 18 से 24 वर्ष के युवाओं में, जो बेरोजगारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, 27.4 फीसदी ने कहा कि वे वोक्स को वोट देंगे. रॉयल एल्कानो इंस्टिट्यूट के विलियम चिस्लेट कहते हैं, “वोक्स उन नए मतदाताओं को अपनी ओर खींच रहा है जो मकान नहीं खरीद पा रहे हैं.”
वहीं, श्रमिक संघ सरकार से किराया नियंत्रण और वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं. सीसीओओ ट्रेड यूनियन के महासचिव उनाई सोरडो कहते हैं, “आर्थिक विकास को जमीनी स्तर पर लोगों की जिंदगी सुधारने का जरिया बनाना चाहिए.”

विकास और सामाजिक संतुलन की चुनौती

बढ़ती नाराजगी के बावजूद, प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज प्रवासन को समर्थन दे रहे हैं. उन्होंने हर साल 3 लाख बिना कागजात वाले प्रवासियों को वैध दर्जा देने की घोषणा की है. सांचेज ने अक्टूबर 2024 में संसद में कहा, “(प्रवासन) हमारी अर्थव्यवस्था और कल्याणकारी योजनाओं की स्थिरता के लिए जरूरी है. बस इसे सही तरीके से प्रबंधित करना होगा.”
हालांकि, स्पेन को अपने मकान निर्माण क्षेत्र में 7 लाख अतिरिक्त श्रमिकों की जरूरत है. यानी देश को मजदूर तो चाहिए, लेकिन मकान संकट के कारण प्रवासियों का आना मुश्किल हो सकता है. जूनियर आर्थिक मंत्री इस्राएल अरोयो मार्टिनेज कहते हैं, “समस्या यह नहीं कि प्रवासियों को घर नहीं मिलेगा, बल्कि यह कि वे आना ही बंद कर देंगे.”


वहीं, व्यापार जगत के नेता मकान निर्माण में सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी की मांग कर रहे हैं. स्पेनिश कॉन्फेडरेशन ऑफ बिजनस ऑर्गनाइजेशंस के अध्यक्ष अंटोनियो गेरामेंदी कहते हैं, “हमें तेजी से मकान निर्माण और किफायती घरों की जरूरत है.”
स्पेन की अर्थव्यवस्था एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है. प्रवासन और पर्यटन ने इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, लेकिन मकान संकट और वेतन ठहराव जैसी समस्याएं गंभीर चुनौती बनी हुई हैं. नीति-निर्माताओं को इस विरोधाभास को संभलकर हल करना होगा, ताकि आर्थिक तरक्की सामाजिक असंतोष में न बदल जाए.
स्पेन के केंद्रीय बैंक के निदेशक एंजेल गविलान कहते हैं, “स्पेन की अर्थव्यवस्था की असली ताकत इसकी समावेशिता होगी. अगर हम सबको इसका लाभ नहीं पहुंचा पाए, तो अस्थिरता और बढ़ेगी.”


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