द. कोरिया की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने राष्ट्रपति के खिलाफ विद्रोह के आरोप लगाने की सिफारिश की
दक्षिण कोरिया की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि उसने गिरफ्तार राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ विद्रोह के मामले को अभियोजन पक्ष को सौंपने का फैसला किया है। दक्षिण कोरिया के कई मीडिया आउटलेट्स ने यह जानकारी दी है

सोल। दक्षिण कोरिया की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि उसने गिरफ्तार राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ विद्रोह के मामले को अभियोजन पक्ष को सौंपने का फैसला किया है। दक्षिण कोरिया के कई मीडिया आउटलेट्स ने यह जानकारी दी है।
उच्च पदस्थ अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने मामले को सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट प्रॉसिक्यूटर्स ऑफिस को सौंपने का फैसला किया, जिसमें श्री योल के खिलाफ अभियोग लगाने की मांग की गई क्योंकि सीआईओ को राष्ट्रपति पर अभियोग लगाने का कोई अधिकार नहीं है।
योल को 15 जनवरी को राष्ट्रपति कार्यालय में गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद वह गिरफ्तार होने वाले देश के पहले राष्ट्रपति बन गए। गिरफ्तारी अवधि सहित योल की हिरासत को 20 दिनों तक बढ़ाने के लिए सोल की एक अदालत ने 19 जनवरी को वारंट जारी किया था।
सीआईओ और अभियोजन पक्ष ने महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति योल से 10 दिनों तक पूछताछ करने के बाद विद्रोह आरोप की संयुक्त रूप से जांच करने पर सहमति जताई।
अभियोजन पक्ष से व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही है कि वह 05 फरवरी के आसपास योल पर विद्रोह और अन्य आरोपों के लिए अभियोग लगाएगा।
इससे पहले योल ने पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए सीआईओ के बार-बार आह्वान को अस्वीकार कर दिया।
योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पिछले साल 14 दिसंबर को नेशनल असेंबली में पारित किया गया था और इसे 180 दिनों तक विचार-विमर्श करने के लिए संवैधानिक न्यायालय में भेजा गया था, जिसके दौरान श्री योल की राष्ट्रपति के अधिकारों पर रोक लगा दी है।
योल को जांच एजेंसियों ने विद्रोह के आरोप में एक संदिग्ध सरगना के रूप में नामित किया था। उन्होंने 03 दिसंबर की रात को देश में मार्शल लॉ घोषित कर दिया था, लेकिन इसे नेशनल असेंबली ने कुछ घंटों बाद ही रद्द कर दिया था।