कांगो संकट को लेकर सवालों के घेरे में रवांडा, ब्रिटेन का किगाली के खिलाफ बड़ा कदम
ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा कि वह रवांडा को दी जाने वाली कुछ द्विपक्षीय सहायता रोक देगा और पड़ोसी कांगो के संकट में किगाली की भूमिका के कारण उस पर अन्य राजनयिक प्रतिबंध लगाएगा

लंदन। ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा कि वह रवांडा को दी जाने वाली कुछ द्विपक्षीय सहायता रोक देगा और पड़ोसी कांगो के संकट में किगाली की भूमिका के कारण उस पर अन्य राजनयिक प्रतिबंध लगाएगा।
रवांडा पर इस समय वैश्विक दबाव है। उस पर आरोप है कि वह एम23 समूह का समर्थन करता है, जिसने जनवरी से ही गोमा और बुकावु शहरों सहित पूर्वी कांगो के बड़े हिस्से और बहुमूल्य खनिज भंडारों पर कब्जा कर लिया है।
किगाली ने इस एम23 समूह को समर्थन देने से इनकार किया है, लेकिन कहा कि उसके अपने सैनिक कांगो स्थित शत्रुतापूर्ण समूहों के खिलाफ आत्मरक्षा में कार्रवाई कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि जब तक शत्रुता समाप्त करने में महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हो जाती और कांगो क्षेत्र से सभी रवांडा रक्षा बलों की वापसी नहीं हो जाती, तब तक ब्रिटेन कार्रवाई करता रहेगा।
ब्रिटेन कार्रवाई के तहत - रवांडा सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में उच्च स्तरीय उपस्थिति को समाप्त करना, रवांडा के साथ व्यापार संवर्धन गतिविधि को सीमित करना; रवांडा सरकार को प्रत्यक्ष द्विपक्षीय वित्तीय सहायता को रोकना, सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों की मदद को छोड़कर।
बयान में कहा गया कि ब्रिटेन संभावित नए प्रतिबंधों पर साझेदारों के साथ समन्वय करेगा, रवांडा को भविष्य में दी जाने वाली रक्षा प्रशिक्षण सहायता को निलंबित करेगा और रवांडा रक्षा बल के लिए निर्यात लाइसेंस की समीक्षा करेगा।
ब्रिटेन सरकार के प्रवक्ता ने कहा, "रवांडा की सुरक्षा संबंधी चिंताएं हो सकती हैं, लेकिन इनका सैन्य तरीके से समाधान करना अस्वीकार्य है। इस संघर्ष का केवल राजनीतिक समाधान ही हो सकता है।"
प्रवक्ता ने कहा, "हम डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) को समावेशी वार्ता के हिस्से के रूप में एम23 के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम अपनी नीति की समीक्षा करते रहेंगे।"


