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यूक्रेन में शांति से पहले आपसी रिश्ते सुधारेंगे रूस और अमेरिका

यूक्रेन युद्ध रोकने की कोशिशों के बीच अमेरिका और रूस आपसी रिश्तों को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए शुरुआती कदम उठाने पर रजामंद हो गए हैं. मगर इस बातचीत में यूक्रेन शामिल नहीं है

यूक्रेन में शांति से पहले आपसी रिश्ते सुधारेंगे रूस और अमेरिका
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यूक्रेन युद्ध रोकने की कोशिशों के बीच अमेरिका और रूस आपसी रिश्तों को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए शुरुआती कदम उठाने पर रजामंद हो गए हैं. मगर इस बातचीत में यूक्रेन शामिल नहीं है.
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मंगलवार को सऊदी अरब में मुलाकात की. यह सब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बीते हफ्ते टेलिफोन पर बातचीत के बाद शुरू हुआ.

पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया. रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन का कहना है कि इस बातचीत का मकसद यूक्रेन शांति समझौता और ट्रंप-पुतिन की मुलाकात के लिए जमीन तैयार करना है.

आपसी रिश्ते सुधारने पर सहमति
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक अमेरिका और रूस यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम नियुक्त करने पर भी तैयार हो हुए हैं. बयान में कहा गया है कि ये टीमें युद्ध खत्म करने के लिए ऐसा रास्ता बनाने पर काम करेंगी जो, "एक तरीके से सुदृढ़, टिकाऊ और सभी पक्षों को स्वीकार्य हो."

उशाकोव के मुताबिक बैठक कई घंटे चली. तीन साल पहले यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की यह पहली मुलाकात थी. लावरोव का कहना है कि बातचीत "काफी उपयोगी" थी.

रियाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में लावरोव ने कहा कि दोनों पक्षों ने एक दूसरे को ध्यान से सुना और संबंधों की बहाली की परिस्थितियां बनाने यहां तक कि दोनों देशों के बीच पूर्ण सहयोग के विस्तार के लिए तैयार हुए हैं. बातचीत में आर्थिक और काराबोरी मुद्दों पर भी चर्चा हुई. इस चर्चा के बाद रूसी मुद्रा रूबल को अमेरिकी डॉलर और यूरो के आगे मजबूती दिखी है. लावरोव के मुताबिक दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग की राह में बाधाओं को भी दूर करने के पर बातचीत की है. हालांकि उन्होंने इसका ब्यौरा नहीं दिया. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश तुरंत राजदूतों की नियुक्ति मॉस्को और वॉशिंगटन में करेंगे. अमेरिका में रूसी राजदूत का पद फिलहाल खाली है.

पुतिन-ट्रंप की मुलाकात की तारीख तय नहीं
बैठक के बाद उशाकोव ने कहा कि अमेरिका और रूस ने राष्ट्रपतियों की मुलाकात के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. हालांकि उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि अभी प्रतिनिधिमंडलों को व्यापक तैयारियां करनी हैं और उन्होंने इन अटकलों को विराम दिया कि यह बैठक अगले हफ्ते भी हो सकती है.

बैठक की तारीख भले ही साफ नहीं है लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह बैठक अमेरिका और रूस के बीच करीबी सहयोग की शुरुआत करेगी जो यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से ही ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है. अमेरिका ने अपने बयान में कहा है कि दोनों ताकतें आपसी संबंधों को बेहतर करने के लिए कदम उठाने पर रजामंद हुई हैं इनमें दोनों के राजनयिक मिशनों की बहाली भी शामिल है.

शांति वार्ता से फिलहाल बाहर है यूक्रेन
सऊदी अरब में हुई इस मुलाकात में ना तो यूक्रेन ना ही किसी यूरोपीय देश के प्रतिनिधि को शामिल होने का न्योता दिया गया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से मिले. इसके बाद वो तुर्की में राष्ट्रपति एर्दोआन से मिलने गए.

रियाद के राजनयिकों के मुताबिक इसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति को सऊदी नेताओं के साथ बातचीत के लिए सऊदी अरब जाना था. हालांकि जेलेंस्की ने लावरोव और रूबियो की मुलाकात के बाद सऊदी की यात्रा टाल दी.

अंकारा में एक तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन से मुलाकात के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में जेलेंस्की ने कहा, "वे जो चाहें उस पर चर्चा कर सकते हैं लेकिन यूक्रेन में युद्ध कैसे खत्म होगा इस पर कोई फैसला बिना यूक्रेन के नहीं हो सकता." जेलेंस्की ने यह भी कहा, "मैं कोई संयोग नहीं चाहता इसलिए मैं सऊदी अरब नहीं जा रहा हूं." उन्होंने कहा कि इसकी बजाय वह 10 मार्च को रियाद जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि वह लावरोव और रूबियो की मुलाकात की कोई वैधता नहीं देखते.

जेलेंस्की से बातचीत के लिए पुतिन तैयार
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव का कहना है कि पुतिन यूक्रेन में संघर्ष के समाधान के लिए जेलेंस्की से बातचीत करना चाहते हैं. हालांकि रूसी मीडिया के मुताबिक रूसी नेता ने जेलेंस्की की वैधता पर सवाल उठाया है. पेस्कोव का कहना है, "गंभीर चर्चा के लिए समझौतों का कानूनी ढांचा होना चाहिए, क्योंकि जेलेंस्की की वैधता पर भी सवाल उठ सकते हैं."

रूस का कहना है कि जेलेंस्की का कार्यकाल मई में खत्म हो चुका है और इसलिए यूक्रेन में चुनाव होने चाहिए. उधर यूक्रेन का कहना है कि जेलेंस्की की सत्ता यूक्रेन के मौजूदा मार्शल लॉ के तहत कायम है.

क्रेमलिन अक्सर यह दावा करता है कि जेलेंस्की ने मॉस्को के साथ बातचीत पर प्रतिबंध लगा दिया है. उनका इशारा सितंबर 2022 की उस डिक्री की तरफ है जिस पर जेलेंस्की ने दस्तखत किए थे. यह डिक्री रूसी नेता के साथ बातचीत को प्रतिबंधित नहीं करती लेकिन यह कहती है कि उस वक्त की परिस्थितियों में यह असंभव है. रूस इस डिक्री को हटाने की मांग करता है.

जेलेंस्की ने हाल ही में कहा कि वह पुतिन के साथ बातचीत करना चाहते हैं. इस बीच चीन ने रूबियो और लावरोव की मुलाकात का स्वागत किया है. हालांकि यह अनुरोध भी किया है कि दूसरे देशों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए. चीन रूस का प्रबल साझीदार है जिसने यूक्रेन में रूसी हमले की निंदा नहीं की है.


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