चुनाव आयोग के बहाने देश के लोकतंत्र और संविधान पर सवाल उठा रहा विपक्ष-विजय कुमार सिन्हा
भारत बंद के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की बिहार यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी चुनाव के मौसम को देखते हुए महज सैर-सपाटे के लिए बिहार आये थें। उनकी यात्रा का जन कल्याण से कोई सरोकार नहीं है. वे एक अस्थिर चित्त के व्यक्तित्व हैं जो मौसम के हिसाब से अपना चाल-चरित्र बदलते रहते हैं

पटना। भारत बंद के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की बिहार यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी चुनाव के मौसम को देखते हुए महज सैर-सपाटे के लिए बिहार आये थें। उनकी यात्रा का जन कल्याण से कोई सरोकार नहीं है. वे एक अस्थिर चित्त के व्यक्तित्व हैं जो मौसम के हिसाब से अपना चाल-चरित्र बदलते रहते हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विपक्षी दलों की मानसिकता हमेशा से संविधान विरोधी और लोकतंत्र को कमजोर करने की रही है। ऐसे में चुनाव आयोग की विश्वसनीयता तथा उसकी नीतियों पर सवाल उठाना न तो राज्य हित में है और ना ही देश हित में। चुनावी फायदे के लिए बेवुनियाद मुद्दों से जनता को भ्रमित करने की साजिश को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ने महागठबंधन द्वारा घोषित बंद को महज एक चुनावी स्टंट करार देते हुए इसे परिवारवादियों का जमघट बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी बात-बात संविधान की दुहाई देते हैं और उसी संविधान की गौरव-गरिमा को धूमिल करने में पीछे नहीं हटते हैं. कल उनके हाथ में संविधान का खाली पन्ना उनकी गंभीरता और सजगता पर सवाल उठा रहा है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि चूकि बिहार में चुनाव आने वाला है इसलिए पिकनिक का आनंद लेने वो बीच-बीच में बिहार आते रहेंगे। पप्पू और अप्पू दोनों नेता प्रतिपक्ष मुद्दाविहीन राजनीति के सूचक हैं। मतदाता पुनर्रीक्षण सर्व समाज के हित में है मतदाता पुनर्रीक्षण एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो 2003 के बाद एक लम्बे अंतराल के बाद हो रहा है। इस प्रक्रिया से चुनाव और मतदान दोनों की प्रक्रिया पारदर्शी होगी। साथ ही इसका उद्देश्य त्रुटि रहित मतदाता सुचि तैयार करना है। इसका विरोध करने वाले लोग अराजकतावादी मानसिकता से ग्रसित हैं और उन लोगों का उद्देश्य जनता को भ्रमित कर अपनी राजनितिक रोटी सेंकने का है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 97 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता को पपत्र वितरित किया जा चुका है। चुनाव आयोग पहले ही आश्वस्त कर चुका है कि मतदान के लिए पात्रता रखने वाले भारत के किसी भी नागरिक के मताधिकार का हनन कतई नहीं होगा।


