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पूर्वोत्तर राज्यों को दालों का उत्पादन बढ़ाना चाहिए : केंद्र सरकार

भारत सरकार का मानना है कि पूर्वोत्तर राज्यों को दालों और बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए

पूर्वोत्तर राज्यों को दालों का उत्पादन बढ़ाना चाहिए : केंद्र सरकार
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नई दिल्ली। भारत सरकार का मानना है कि पूर्वोत्तर राज्यों को दालों और बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। इससे राष्ट्रीय उपलब्धता बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी। केंद्र सरकार का कहना है कि आयात पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ, उत्पादन में वृद्धि से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसका समग्र खाद्य मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने शुक्रवार को एक दिवसीय गोलमेज परामर्श के दौरान इन राज्यों से दालों और बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया।

सचिव ने कहा कि 2027 तक दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में पूर्वोत्तर राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि रेल रेक द्वारा 840 मीट्रिक टन प्याज की खेप 5 नवंबर को गुवाहाटी के चांगसारी स्टेशन पर पहुंची है। एनसीसीएफ द्वारा असम, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न जिलों में प्याज वितरित किया जा रहा है। इससे पूर्वोत्तर राज्यों में प्याज की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित होगी और कीमतों में गिरावट आएगी। अधिक लागत प्रभावी और कुशल निपटान के लिए इस वर्ष पहली बार नासिक से दिल्ली, चेन्नई और गुवाहाटी जैसे प्रमुख गंतव्यों तक प्याज का थोक परिवहन अपनाया गया है। प्रमुख मंडियों में प्याज के थोक निपटान से उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को कम करने में मदद मिली है।

केंद्र सरकार द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों के लिए दलहन और बागवानी को लेकर शुक्रवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार द्वारा एनसीसीएफ के सहयोग से पूर्वोत्तर राज्यों में दालों और बागवानी वस्तुओं के उत्पादन तथा खाद्य मूल्य प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर विचार करने के लिए यह आयोजन किया गया। केंद्रीय सचिव ने राज्यों के एकीकृत और समावेशी दृष्टिकोण के महत्व, विभाग द्वारा दी जा सकने वाली सहायता और अनुबंध खेती की पहल के माध्यम से दलहन व बागवानी के उद्देश्य को समर्थन देने में एनसीसीएफ की भूमिका बताई।

यहां पूर्वोत्तर राज्यों के लिए उपयुक्त दलहन किस्मों की उपलब्धता और क्षेत्र में दलहन बीज केंद्रों पर प्रकाश डाला गया। ये बीज केंद्र राज्यों में दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने में सहायक हो सकते हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के लिए बीज मिनी किट की पहल की है।


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