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अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन से वापस बुलाए नागरिक

विदेशी नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह के बीच और रूस यूक्रेन के रूसी दूतावास में फेरबदल और युद्धाभ्यास में जुटा है.

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन से वापस बुलाए नागरिक
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रूस ने यूक्रेन में मौजूद अपने राजनयिक अधिकारियों की मौजूदगी "अनुकूल" बनाने की बात कही है. यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए इसका अंदाजा स्टाफ की संख्या में कमी से लगाया जा रहा है. हालांकि रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने साफ तौर पर इस बारे में कुछ नही कहा. जाखारोवा ने बताया है कि दूतावास और वाणिज्य दूतावास अपने प्रमुख काम करते रहेंगे. रूसी प्रवक्ता का कहना है कि यूक्रेन और दूसरे पक्षों की तरफ से "उकसावे" को देखते हुए कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.

इससे पहले शनिवार की सुबह रूस की नौसेना ने बड़े पैमाने पर काले सागर में युद्धाभ्यास शुरू कर दिया. रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार सुबह कहा, "काले सागर में मौजूद हमारी फ्लीट से 30 जहाज सेबास्टोपोल और नोवोरोसिस्क सागर में पहले से तय अभ्यास के लिए गए हैं. इस अभ्यास का मकसद क्राइमिया प्रायद्वीप के तटों के साथ ही ब्लैक सी फ्लीट के सैनिक अड्डों और देश के आर्थिक क्षेत्र की संभावित सैन्य खतरों से सुरक्षा है.

यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जबअमेरिका बार बार कह रहा है कि रूस यूक्रेन पर "कभी भी" हमला कर सकता है. हालांकि रूस ने इसे अमेरिका की "मिर्गी" कह कर खारिज किया.

यूक्रेन से विदेशियों की वापसी

इस बीच अमेरिका के बाद जर्मनी ने भी अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कह दिया है. यूरोपीय संघ के कई और देश भी अपने नागरिकों के लिए यह चेतावनी जारी किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तो पहले ही अपने नागरिकों कोयूक्रेन से निकल जाने के लिए कह चुके हैं. ब्रिटेन, कनाडा, नॉर्वे और डेनमार्क समेत नाटो के कई सहयोगी देशों ने भी अपने नागरिकों के लिए यही संदेश जारी किया है.

शनिवार सुबह अमेरिकी विदेश विभाग ने यूक्रेन में मौजूद गैर-आपातकालीन स्टाफ को भी यूक्रेन से जाने के लिए कह दिया. अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों के परिवारवालो को वहां से पहले ही हटाया जा चुका है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेक सुलिवैन ने पत्रकारों से कहा है कि हवाई और मिसाइल हमले से शुरुआत होने की आशंका है. अमेरिकी अधिकारी अपने नागरिकों को "जितनी जल्दी हो सके" यूक्रेन से निकलने के लिए कह रहे हैं.

अमेरिका की "मिर्गी"

हालांकि रूस ने हमले की अमेरिका के तरफ से अपने नागरिकों को दी जा रही चेतावनियों का मजाक उड़ाया है और इसे "मिर्गी" करार दिया है. मारिया जाखारोवा ने टेलिग्राम पर लिखा है, "व्हाइट हाउस की मिर्गी इस बार सबसे ज्यादा सामने आई है. एंग्लो-सेक्सन को एक जंग की जरूरत है. हर कीमत पर. उकसावा, गलत सूचना और चेतावनियां उनकी अपनी समस्याओं के हल का पसंदीदा तरीका हैं." एंग्लो-सेक्सन उन लोगों को कहा जाता है जो पांचवीं सदी में यूरोप से ब्रिटेन जा कर बस गए थे और सांस्कृतिक रूप से रोमन ब्रिटेन को जर्मैनिक ब्रिटेन में बदल दिया. इसमें कई अलग अलग समुदायों के लोग थे जिन्होंने एक साझी संस्कृति और भाषा को अपनाया.

अमेरिका में रूस के राजदूत अनातोली अंटोनोव ने न्यूजवीक मैगजीन से कहा है कि अमेरिकी चेतावनियां "भय फैलाने वाली" हैं. इसके साथ ही अंटोनोव ने दोहराया है रूस किसी पर हमला नहीं करने जा रहा है.

बाइडेन पुतिन की टेलिफोन पर बातचीत

इन सब के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शनिवार को टेलिफोन पर बात करने जा रहे हैं. बाइडेन से बातचीत के पहले रूसी राष्ट्रपति फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों से भी फोन पर बात करेंगे. इस हफ्ते की शुरुआत में माक्रों और पुतिन की मुलाकात भी हो चुकी है.

इस बीच इलाके में अमेरिका ने 3000 अतिरिक्त सैनिकों को भेजा है. हालांकि बाइडेन ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि अमेरिका सेना यूक्रेन में यु्द्ध लड़ने नहीं उतरेगी.

ऐसी खबरें आ रही हैं कि अमेरिका को खुफिया सूत्रों से खबर मिली है कि रूस अपने संभावित निशाने की तलाश में है. हालांकि पुख्ता तौर पर अभी ऐसी किसी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया है.


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