Top
Begin typing your search above and press return to search.

लेबनान : दो साल से राष्ट्रपति पद खाली, 12 प्रयास रहे नाकाम, आज फिर चुनाव

लेबनान के सांसद गुरुवार को राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि दो साल के अंतराल के बाद क्या देश को राष्ट्राध्यक्ष मिल पाएगा। पहले दौर के मतदान में लेबनानी सेना के कमांडर जोसेफ औन को सबसे आगे रहे

लेबनान : दो साल से राष्ट्रपति पद खाली, 12 प्रयास रहे नाकाम, आज फिर चुनाव
X

बेरूत। लेबनान के सांसद गुरुवार को राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि दो साल के अंतराल के बाद क्या देश को राष्ट्राध्यक्ष मिल पाएगा। पहले दौर के मतदान में लेबनानी सेना के कमांडर जोसेफ औन को सबसे आगे रहे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि औन को 128 में से 71 वोट मिले, जो कि सीधी जीत के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत से कम रहे। 37 सांसदों ने खाली मतपत्र डाले और 14 ने 'संप्रभुता और संविधान' के लिए मतदान किया।

संसद के अध्यक्ष नबीह बेरी ने सत्र को दो घंटे के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद दूसरे दौर का मतदान होगा।

देश का राष्ट्रपति पद 2022 से रिक्त पड़ा है। इस बीच पूर्व राष्ट्रपति मिशेल औन के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए 12 प्रयास नाकाम रहें। मिशेल का कार्यकाल अक्टूबर 2022 में समाप्त हो गया था।

ऐसे संकेत हैं कि गुरुवार के मतदान में राज्य के प्रमुख के चुने जाने की संभावना है।

औन, पूर्व राष्ट्रपति से कोई संबंध नहीं रखते हैं। उन्हें व्यापक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब के पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में देखा जाता है जिनकी मदद लेबनान को इजरायल और लेबनानी समूह हिजबुल्लाह के बीच 14 महीने के संघर्ष के बाद पुनर्निर्माण के लिए चाहिए होगी।

इजरायल के साथ युद्ध के कारण राजनीतिक और सैन्य रूप से कमजोर हो चुका हिजबुल्लाह ने सुलेमान फ्रांगीह का समर्थन किया था। वह उत्तरी लेबनान में एक छोटी ईसाई पार्टी के नेता हैं और उनके सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर असद के साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं।

हालांकि, बुधवार को फ्रांगीह ने दौड़ से नाम वापस लेने और औन का समर्थन करने की घोषणा की। इससे जाहिर तौर पर सेना प्रमुख के लिए रास्ता साफ हो गया है।

हिजबुल्लाह के विरोध में मुख्य संसदीय गुट का नेतृत्व करने वाली लेबनानी सेना ने भी बुधवार को ही औन का समर्थन किया।

गुरुवार को मतदान के लिए विधानमंडल के सभी 128 सदस्य मौजूद थे।

संकटग्रस्त भूमध्यसागरीय देश में राष्ट्रपति पद का रिक्त रहना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले सबसे लंबा बिना राष्ट्रपति का दौर मई 2014 से अक्टूबर 2016 के बीच (करीब ढाई साल) रहा। पूर्व राष्ट्रपति मिशेल औन के चुनाव के साथ यह दौर खत्म हुआ।

लेबनान में राष्ट्रपति की भूमिका सत्ता-साझाकरण प्रणाली के तहत सीमित है, जिसमें राष्ट्रपति हमेशा एक मारोनाइट ईसाई, प्रधानमंत्री एक सुन्नी मुस्लिम और संसद के अध्यक्ष शिया होते हैं।

हालांकि, केवल राष्ट्रपति के पास प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को नियुक्त करने या हटाने का अधिकार है। पिछले दो वर्षों से लेबनान को चलाने वाली कार्यवाहक सरकार की शक्तियां कम हो गई हैं, क्योंकि इसे वर्तमान राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त नहीं किया गया था।

लेबनान के संविधान के अनुसार, वर्तमान सेना कमांडर के रूप में जोसेफ औन का राष्ट्रपति बनना तकनीकी रूप से संभव नही हैं। हालांकि प्रतिबंध को पहले ही हटाया जा चुका है, लेकिन औन को कुछ और प्रक्रियागत बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।

सामान्य परिस्थितियों में, लेबनान में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को मतदान के पहले दौर में 128 सदस्यीय सदन के दो-तिहाई बहुमत से या बाद के दौर में साधारण बहुमत से चुना जा सकता है।

हालांकि औन के चुनाव से जुड़े संवैधानिक मुद्दों के कारण, दूसरे दौर में भी दो-तिहाई बहुमत की जरुरत होगी।

अन्य दावेदारों में जिहाद अज़ूर शामिल थे, जो एक पूर्व वित्त मंत्री हैं और अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में मध्य पूर्व और मध्य एशिया विभाग के निदेशक हैं। इसके अलावा लेबनान की सामान्य सुरक्षा एजेंसी के कार्यवाहक प्रमुख इलियास अल-बैसरी भी मैदान में थे लेकिन उन्होंने गुरुवार को घोषणा की कि वह दौड़ से बाहर हो रहे हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it