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लाल निशान पर खुला भारतीय शेयर बाजार, नए साल में सावधानी के साथ आगे बढ़ने की तैयारी

घरेलू बेंचमार्क सूचकांक गिरावट के साथ खुले। शुरुआती कारोबार में निफ्टी पर आईटी, रियलिटी, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विस, एफएमसीजी, मीडिया और प्राइवेट बैंक सेक्टर में बिकवाली देखी गई

लाल निशान पर खुला भारतीय शेयर बाजार, नए साल में सावधानी के साथ आगे बढ़ने की तैयारी
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मुंबई। घरेलू बेंचमार्क सूचकांक मंगलवार को गिरावट के साथ खुले। शुरुआती कारोबार में निफ्टी पर आईटी, रियलिटी, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विस, एफएमसीजी, मीडिया और प्राइवेट बैंक सेक्टर में बिकवाली देखी गई।

सुबह करीब 9:25 बजे सेंसेक्स 434.64 अंक या 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,813.49 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 108.90 अंक या 0.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,536 पर कारोबार कर रहा था।

बाजार का रुख मिलाजुला रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,096 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 1,040 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

बाजार के जानकारों के अनुसार, "दिसंबर का महीना वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजारों के लिए कमजोर रहा है। एसएंडपी 500 में 2.34 प्रतिशत और निफ्टी में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई है।"

उन्होंने कहा, "बाजार नए साल में सावधानी के साथ आगे बढ़ने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि अनिश्चितता अधिक है और मूल्यांकन बढ़ा हुआ है।"

निफ्टी बैंक 191.50 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,761.25 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 244.95 अंक या 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,944.80 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 21 अंक या 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,618.95 पर था।

सेक्टोरल फ्रंट पर पीएसयू बैंक, फार्मा, मेटल, एनर्जी, कमोडिटीज, पीएसई और हेल्थकेयर सेक्टर में खरीदारी देखी गई।

सेंसेक्स पैक में टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, टीसीएस, इंफोसिस, जोमैटो और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे। जबकि टाटा मोटर्स, आईटीसी, टाटा स्टील, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक और नेस्ले इंडिया टॉप गेनर्स थे।

पिछले कारोबारी सत्र में डॉव जोंस 0.97 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42,573.73 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.07 प्रतिशत गिरकर 5,906.94 पर और नैस्डैक 1.19 प्रतिशत गिरकर 19,486.79 पर बंद हुआ।

एशियाई बाजारों में चीन लाल निशान पर कारोबार कर रहा था, जबकि हांगकांग हरे निशान पर कारोबार कर रहा था।

जानकारों ने कहा, "उच्च अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और मजबूत डॉलर यह सुनिश्चित करेंगे कि एफआईआई हर तेजी पर बिकवाली जारी रखेंगे। डीआईआई की खरीदारी इतनी मजबूत नहीं होगी कि बाजार को ज्यादा ऊपर ले जा सके।"

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 30 दिसंबर को 1,893.16 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 2,173.86 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।


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