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संविधान पूरी तरह से लागू हो जाए, तो रामभद्राचार्य जेल में होंगे : उदित राज

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने देश से 'जातिगत व्यवस्था' को खत्म करने की वकालत की है, लेकिन इस पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है

संविधान पूरी तरह से लागू हो जाए, तो रामभद्राचार्य जेल में होंगे : उदित राज
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'संविधान पूरी तरह लागू हो तो जेल में होंगे रामभद्राचार्य', जातिगत व्यवस्था पर उदित राज का जवाब

नई दिल्ली। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने देश से 'जातिगत व्यवस्था' को खत्म करने की वकालत की है, लेकिन इस पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। उदित राज का कहना है कि अगर आज संविधान पूरी तरह से लागू हो जाए, तो रामभद्राचार्य जेल के अंदर होंगे।

जगद्गुरु रामभद्राचार्य से जुड़े सवाल पर कांग्रेस नेता उदित राज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "संविधान ही जगद्गुरु रामभद्राचार्य का इलाज है। अगर आज संविधान पूरी तरह से लागू हो जाए, तो रामभद्राचार्य जेल के अंदर होंगे।"

इस पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि रामभद्राचार्य को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के सामने अपने विचार रखने चाहिए। उन्होंने कहा, "दो-तिहाई बहुमत से जीतकर संसद में आओ और सरकार बनाकर कानून बदल लें या आपको लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी आपकी बात सुनेंगे, क्योंकि आप उनके ग्रुप का हिस्सा हैं, फिर आप अपने मंत्रियों से रिजर्वेशन हटाने के लिए कह सकते हैं?"

कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने भी रामभद्राचार्य की टिप्पणी पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, "मैं शंकराचार्य से अनुरोध करूंगा कि शंकराचार्यों में दलित, एससी और एसटी को शामिल करें और फिर आरक्षण को खत्म करें।" पप्पू यादव ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों (रामभद्राचार्य) का इलाज अंबेडकरवादी विचारों से होगा।"

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, "राम भद्राचार्य जैसे लोगों के ऐसे बयान निंदनीय हैं। धार्मिक लोगों को राजनीति में दखल नहीं देना चाहिए। जो लोग भारत की सनातन संस्कृति को खत्म करने पर तुले हुए हैं, जो ब्राह्मणों में भी फूट डाल रहे हैं और कई ब्राह्मण समुदायों को नीचा बता रहे हैं, हमें ऐसे लोगों को जवाब देना जरूरी नहीं लगता।"

बता दें कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मंगलवार को एससी-एसटी एक्ट पर कहा है कि इसे रद्द कर देना चाहिए, क्योंकि वेदों में अवर्ण या सवर्ण का जिक्र नहीं है।

आईएएनएस से ​​बात करते हुए रामभद्राचार्य ने कहा, "एससी-एसटी एक्ट रद्द होना चाहिए। वेदों में अवर्ण या सवर्ण का जिक्र नहीं है। राजनीतिक नेताओं ने यह सिस्टम शुरू किया है।" उन्होंने यह भी कहा कि जाति के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होना चाहिए।


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