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गाजा सिटी पर इजरायल के कब्जे का पहला चरण शुरू

हमास ने टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू संघर्षविराम समझौते में बाधा डाल रहे हैं और गाजा सिटी में “निर्दोष नागरिकों के खिलाफ क्रूर युद्ध” जारी रखना चाहते हैं

गाजा सिटी पर इजरायल के कब्जे का पहला चरण शुरू
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हमास ने टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू संघर्षविराम समझौते में बाधा डाल रहे हैं और गाजा सिटी में “निर्दोष नागरिकों के खिलाफ क्रूर युद्ध” जारी रखना चाहते हैं.

मध्य यूरोपीय समय के हिसाब से गुरुवार सुबह इस्राएल ने गाजा सिटी में पनाह लिए लाखों लोगों को शहर छोड़ने के आदेश दिए. उन्हें दक्षिणी गाजा चले जाने को कहा गया. यह कवायद इस्राएल के गाजा सिटी पर कब्जे की राह में भौतिक रूप से एक अहम कदम है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब गाजा के लोगों को फिर से कहीं और चले जाने को कहा गया है.

सेना ने मीडिया रिपोर्टों की पुष्टि करते हुए कहा कि यह हमला "प्रारंभिक" चरण है और पूरे शहर पर कब्जे की योजना का हिस्सा है. इस्राएली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा, "हमने प्रारंभिक अभियान और गाजा सिटी पर हमले का पहला चरण शुरू कर दिया है. इस समय भी आईडीएफ बल गाजा सिटी के बाहरी हिस्सों पर कब्जा बनाए हुए हैं.”

लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान फ्रांस के शख्स की मौत, वीडियो से हुई 36 लाख रुपये की कमाई

फ्रांस के दक्षिणी हिस्से में सोमवार को लोकप्रिय स्ट्रीमर राफाएल ग्रावेन की लाइव प्रसारण के दौरान मौत हो गई. यह प्रसारण किक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर चल रहा था. 46 वर्षीय ग्रावेन को ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर जीन पोरमानोव के नाम से जाना जाता था. वे फ्रांस के शुरुआती स्ट्रीमरों में गिने जाते थे और उनके अलग-अलग चैनलों पर लगभग पांच लाख सब्सक्राइबर थे.

सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिखा कि उनके दो साथी स्ट्रीमर- नारुतो और सफीन, उन्हें गाली दे रहे थे और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे थे. यह प्रसारण लगातार 12 दिन तक चला, जिसमें ग्रावेन अपने तीन साथियों के साथ दिखाई दिए.

फ्रांस की डिजिटल मामलों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मंत्री क्लारा शपाज ने इस घटना को ‘भयावाह’ बताया. पुलिस ने मौत की जांच शुरू कर दी है. ग्रावेन सालों से स्क्रीन पर अपमानजनक और खतरनाक काम करते आ रहे थे, जैसे गला घोंटना या जहरीले रसायनों का सेवन करना. वे यह काम दर्शकों के आग्रह और आर्थिक सहयोग के लिए करते थे.

यह घटना लाइव कंटेंट की उस अंधेरी दुनिया को उजागर करती है, जिसमें दर्शकों को आकर्षित करने के लिए स्ट्रीमर अपमानजनक और खतरनाक हरकतों को अंजाम देते हैं. इसे ‘ट्रैश स्ट्रीमिंग’ का नाम दिया गया है और आजकल सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के कारण, इस ट्रेंड का चलन खासा बढ़ गया है.

अमेरिका को स्मार्टफोन भेजने के मामले में चीन से आगे निकला भारत

अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात करने के मामले में भारत, चीन से आगे निकल गया है. भारत के सरकारी प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने रिसर्च फर्म कैनलिस के हवाले से यह जानकारी दी है. इसके मुताबिक, इस साल अप्रैल से जून के दौरान भारत ने अमेरिका को चीन से अधिक स्मार्टफोन भेजे.

पीआईबी की पोस्ट के मुताबिक, अप्रैल से जून 2025 के दौरान, अमेरिकी आयात में भारत में बने स्मार्टफोनों की हिस्सेदारी बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई. 2024 की इसी तिमाही के आंकड़े से यह 13 फीसदी अधिक है. इस दौरान, अमेरिका आयात में चीन में बने स्मार्टफोनों की हिस्सेदारी 61 फीसदी से कम होकर 25 फीसदी पर आ गई.

यूक्रेन में शांति सेना भेजने की चर्चा से जर्मनी में हंगामा

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यूरोपीय देशों द्वारा रूस के साथ संभावित शांति समझौते के तहत यूक्रेन में शांति सैनिक (पीसकीपिंग फोर्स) भेजने की संभावना पर जर्मनी में कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है. नाजी अतीत से अब भी प्रभावित जर्मनी में सैन्य दखल की बात को लेकर असहजता साफ दिख रही है.

चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने संकेत दिया है कि जर्मनी यूक्रेन में संभावित शांति मिशन का हिस्सा बन सकता है. हालांकि, उन्होंने साफ किया कि ऐसा कोई भी फैसला बाकी यूरोपीय देशों और अपनी गठबंधन सरकार के साथ तालमेल से ही लिया जाएगा.

मैर्त्स ने यह भी कहा कि सैनिकों की तैनाती के लिए बुंडेसटाग (जर्मन संसद) की मंजूरी जरूरी होगी. यह उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि उन्हें खुद दूसरी बार वोटिंग के बाद ही चांसलर पद मिला था. इस बीच, रूस ने नाटो देशों के किसी भी सैनिक हस्तक्षेप का सख्त विरोध किया है और यह भी स्पष्ट नहीं है कि ऐसा मिशन काम कैसे करेगा.

जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) की नेता अलीस वाइडल ने मैर्त्स और उनकी पार्टी पर युद्ध भड़काने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसे "खतरनाक और गैरजिम्मेदाराना" कदम बताया है. यहां तक ​​कि मैर्त्स के विदेश मंत्री योहान वाडेफुल ने भी चेतावनी दी कि यूक्रेन में सेना भेजने से “संभवत हम पर भारी असर पड़ेगा.”

हमले के बाद दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को दी गई जेड श्रेणी की सुरक्षा

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह एक जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था. इसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. जेड श्रेणी की सुरक्षा में आमतौर पर 20 से ज्यादा जवान शामिल होते हैं.

एजेंसी के मुताबिक, सीआरपीएफ की टीम गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आवास पर पहुंची और दिल्ली पुलिस से उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ली. इसके अलावा, चौबीसों घंटे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री आवास और कार्यालय के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किए गए हैं.

जिस व्यक्ति ने रेखा गुप्ता पर हमला किया था, उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 (1) (हत्या का प्रयास, 10 साल की कैद और जुर्माना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है. बुधवार को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और स्पेशल सेल टीम ने आरोपी से पूछताछ भी की.

गाजा सिटी पर इस्राएल के कब्जे का पहला चरण शुरू

मध्य यूरोपीय समय के हिसाब से गुरुवार सुबह इस्राएल ने गाजा सिटी में पनाह लिए लाखों लोगों को शहर छोड़ने के आदेश दिए. उन्हें दक्षिणी गाजा चले जाने को कहा गया. यह कवायद इस्राएल के गाजा सिटी पर कब्जे की राह में भौतिक रूप से एक अहम कदम है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब गाजा के लोगों को फिर से कहीं और चले जाने को कहा गया है.

सेना ने मीडिया रिपोर्टों की पुष्टि करते हुए कहा कि यह हमला "प्रारंभिक" चरण है और पूरे शहर पर कब्जे की योजना का हिस्सा है. इस्राएली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा, "हमने प्रारंभिक अभियान और गाजा सिटी पर हमले का पहला चरण शुरू कर दिया है. इस समय भी आईडीएफ बल गाजा सिटी के बाहरी हिस्सों पर कब्जा बनाए हुए हैं.” डेफ्रिन ने कहा कि शहर अब भी हमास का "गढ़" है.

जनवरी में अंतरराष्ट्रीय निकायों ने अनुमान लगाया था कि हवाई हमलों ने गाजा सिटी का 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा तबाह कर दिया गया है.

हमास ने टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू संघर्षविराम समझौते में बाधा डाल रहे हैं और गाजा सिटी में “निर्दोष नागरिकों के खिलाफ क्रूर युद्ध” जारी रखना चाहते हैं.


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