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बांग्लादेश : शेख मुजीब के घर में प्रदर्शनकारियों ने चलाया बुलडोजर

बांग्लादेश की राजधानी ढाका के धानमंडी 32 स्थित शेख मुजीबुर रहमान के तीन मंजिला मकान पर गुरुवार सुबह भी बुलडोजर चला दिया गया। इससे पिछली रात पहले गुस्साए छात्रों ने घर में तोड़फोड़ की थी और मकान को आग के हवाले कर दिया था। स्थानीय मीडिया के मुताबिक मकान का अधिकांश हिस्सा ढह गया है

बांग्लादेश : शेख मुजीब के घर में प्रदर्शनकारियों ने चलाया बुलडोजर
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ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के धानमंडी 32 स्थित शेख मुजीबुर रहमान के तीन मंजिला मकान पर गुरुवार सुबह भी बुलडोजर चला दिया गया। इससे पिछली रात पहले गुस्साए छात्रों ने घर में तोड़फोड़ की थी और मकान को आग के हवाले कर दिया था। स्थानीय मीडिया के मुताबिक मकान का अधिकांश हिस्सा ढह गया है।

बता दें शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। शेख मुजीब ने 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी का नेतृत्व किया था। 1975 में उनकी हत्या कर दी गई थी। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के देश छोड़न के बाद उनकी विरासत पर लगातार हमला किया जा रहा है। हसीना को उग्र छात्र आंदलोन की वजह से अपनी सत्ता छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था।

शेख मुजीब के जिस घर में तोड़फोड़ की गई उसे उनकी बेटी शेख हसीना ने म्यूजियम में बदल दिया था।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवाल सुबह 8 बजे, एक नीला बुलडोजर लगातार इमारत को गिरा रहा था। यह सब जब हो रहा था तो घटनास्थल पर कोई भी कानून प्रवर्तन या प्रशासनिक कर्मी मौजूद नहीं था।

मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि जब तक पूरी इमारत जमींदोज नहीं हो जाती, तब तक तोड़फोड़ जारी रहेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक शेख मुजीबुर रहमान के ध्वस्त आवास पर लूटपाट हुई। लोगों ने मलबे से दरवाजे, खिड़कियां, ईंटें, लोहे की छड़ें और पाइप निकाले।

इससे पहले बुधवार शाम को गुस्साए छात्र घर के सामने इकट्ठा होने लगे और रात करीब 8 बजे परिसर में दाखिल हुए। जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, भीड़ बढ़ती गई और घर में आग लगाने से पहले बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई। बाद में उसी रात बुलडोजर लाया गया और घर ढहाने का काम शुरू हो गया।

हिंसा की शुरुआत उस भाषण से हुई जिसे हसीना भारत में निर्वासन से अपने समर्थकों को देना चाहती थीं, जहां वे पिछले साल अपने 15 साल के शासन के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में हुए घातक विद्रोह के बीच भाग गई थीं। आलोचकों ने उन पर विपक्ष को दबाने का आरोप लगाया था।

छात्रों का गुस्सा अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की इस घोषणा से फूटा कि वह 'छात्र लीग' संगठन के सदस्यों के साथ एक वर्चुअल सत्र में शामिल होंगी। छात्र लीग हसीना की आवामी लीग पार्टी की स्टूडेंट विंग है जिस पर 23 अक्टूबर 2024 को प्रतिबंध लगा दिया गया।


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