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क्या गौतम अडानी के खिलाफ रिश्वत देने के आरोप नहीं लगाए गए हैं

संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी अडानी विवाद दोनों सदनों की कार्यवाही पर हावी रहा. इस बीच अडानी समूह ने कहा है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से आरोप नहीं लगे हैं

क्या गौतम अडानी के खिलाफ रिश्वत देने के आरोप नहीं लगाए गए हैं
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संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी अडानी विवाद दोनों सदनों की कार्यवाही पर हावी रहा. इस बीच अडानी समूह ने कहा है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से आरोप नहीं लगे हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अडानी विवाद की वजह से प्रभावित रही. दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों के अंदर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. 25 नवंबर को सत्र के पहले दिन भी ऐसा ही हुआ था.

इस बीच अडानी समूह ने एक बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका के कानून मंत्रालय ने अपनी जांच में समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अदाणी और वरिष्ठ अधिकारी विनीत जैन के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाए हैं.

आरोपों को बताया बेबुनियाद

समूह के मुताबिक इन तीनों पर "अमेरिका के कानून मंत्रालय के अभियोग या अमेरिका के एसईसी विभाग की सिविल कंप्लेंट में 'फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट' (एफसीपीए) के किसी भी तरह के उल्लंघन के आरोप नहीं लगाए गए हैं" और अभियोग की "गलत समझ" की वजह से भारतीय और विदेशी मीडिया ने इन तीनों पर आरोप लगाए जाने की गलत खबर दी है.

समूह ने कहा कि अभियोग सिर्फ इन दावों पर आधारित है कि रिश्वत की बात की गई थी या वादा किया गया था और उसमें इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अदाणी समूह के अधिकारियों ने भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दी थी. अडानी समूह की तरफ से पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चार्जशीट में यह नहीं बताया गया है कि किसे रिश्वत दी गई.

समूह ने अपने बयान में यह भी कहा कि "बेबुनियाद" अमेरिकी कार्रवाई और "लापरवाह और गलत" मीडिया रिपोर्टों की वजह से उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा है. समूह के मुताबिक उसकी 11 लिस्टेड कंपनियों को बाजार पूंजीकरण में करीब 55 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.

अमेरिकी न्याय विभाग ने बुधवार, 20 नवंबर को गौतम अडानी और सात अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे, जिनमें उनके भतीजे सागर अदाणी का नाम भी शामिल है. इन सभी पर भारत में सोलर एनर्जी परियोजनाओं के ठेके हासिल करने के लिए 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की घूस देने का आरोप है.

बीजेपी ने बनाई दूरी

हालांकि इस मामले पर तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा है कि एफसीपीए के तहत सिर्फ अमेरिकी कंपनियों पर आरोप लगाए जाते हैं जबकि गौतम अदाणी पर रिश्वत देने का आरोप "सेक्युरिटीज एक्सचेंज एक्ट" के तहत लगाए गए हैं. मोइत्रा के मुताबिक अदाणी पर अमेरिकी अधिकारियों से झूठ बोलने के आरोप भी लगाए गए हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि गौतम अदाणी को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए. उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों को बताया, "इन श्रीमान पर अमेरिका में आरोप लगाए गए हैं...और सरकार उसे बचा रही है." भारत सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन सत्ताधारी बीजेपी ने इस विवाद से दूरी बनाने की कोशिश की है.

बीजेपी के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने मंगलवार को कहा, "वो अपनी सफाई खुद दें. हम उद्योगपतियों के खिलाफ नहीं हैं. हम उन्हें राष्ट्र-निर्माण में साझेदार मानते हैं. लेकिन अगर वो कुछ गलत करते हैं तो कानून अपना काम करेगा."


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