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अमेरिका : भारत लाए जाने से बचने के लिए 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की आखिरी कोशिश

मुंबई 26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए आखिरी कोशिश की है। उसके वकील जोशुआ एल. ड्रेटल ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। अपील में तर्क दिया गया है कि प्रत्यर्पण 'दोहरे खतरे के सिद्धांत' का उल्लंघन होगा, जो एक ही अपराध के लिए दो बार मुकदमा चलाने से बचाता है

अमेरिका : भारत लाए जाने से बचने के लिए 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की आखिरी कोशिश
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वाशिंगटन। मुंबई 26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए आखिरी कोशिश की है। उसके वकील जोशुआ एल. ड्रेटल ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। अपील में तर्क दिया गया है कि प्रत्यर्पण 'दोहरे खतरे के सिद्धांत' का उल्लंघन होगा, जो एक ही अपराध के लिए दो बार मुकदमा चलाने से बचाता है।

अमेरिकी शीर्ष अदालत इस मामले पर 17 जनवरी को सुनवाई करेगी।

लंबी कानूनी लड़ाई हारने के बाद, राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर की थी। अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी प्रीलोगर ने 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट से राणा की याचिका को खारिज करने की अपील की।

राणा के वकील ने 23 दिसंबर को अपने जवाब में अमेरिकी सरकार की सिफारिश को चुनौती दी। उसने सप्रीम कोर्ट से याचिका स्वीकारने की अपील की।

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक और वर्तमान में लॉस एंजिल्स की जेल में बंद राणा पर 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली से जुड़े होने का आरोप है।

बता दें 26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था। उन्होंने दो पांच सितार होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया।

हमले में 9 आतंकियों समेत 175 लोगों की मौत हुई थी।

हमले में शामिल एक आतंकी अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया जिसे 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फांसी दे दी गई।


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