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छात्रों ने लिया दिल्ली में यमुना के घाटों की सफाई करने का निर्णय, स्थानीय लोग भी साथ आए

अभाविप और विकासार्थ विद्यार्थी ने हर माह दिल्ली स्थित यमुना के घाटों की सफाई करने का निर्णय लिया है

छात्रों ने लिया दिल्ली में यमुना के घाटों की सफाई करने का निर्णय, स्थानीय लोग भी साथ आए
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नई दिल्ली, अभाविप और विकासार्थ विद्यार्थी ने हर माह दिल्ली स्थित यमुना के घाटों की सफाई करने का निर्णय लिया है। यमुना की सफाई के साथ साथ इसके जरिए दिल्ली में लोगों को यमुना नदी की स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। इस स्वच्छता अभियान में छात्रों ने रविवार को स्थानीय लोगों ने सहभागिता से यमुना के वजीराबाद स्थित राम घाट से गंदगी साफ की। इस दौरान छात्रों ने हाथोंहाथ ही इकट्ठा हुए कूड़े का निस्तारण भी किया गया। छात्रों का कहना है कि अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा तब जा कर कहीं दिल्ली में स्वच्छ यमुना का सपना साकार होगा। अभाविप के क्षितिज त्यागी ने यमुना की सफाई के दौरान कहा कि यह समूचे दिल्ली वासियों के लिए महत्वपूर्ण विषय है। इसको लेकर हमें जागरूक होना पड़ेगा। आने वाले दिन में हम और भी बड़ी संख्या में छात्रों के साथ इस स्वच्छता अभियान को जारी रखेंगे।

अभाविप के मुताबिक भविष्य में छात्रों-युवाओं को और बड़ी संख्या में जोड़कर यमुना स्वच्छता अभियान को तेज करने की योजना है। विकासार्थ विद्यार्थी के अमन यादव ने कहा कि यमुना की गंदगी एक लंबे समय से इसके किनारे बसे क्षेत्रों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रही है।स्वच्छता हमारे लिए जिम्मेवारी का विषय होना चाहिए इसे प्राथमिकता देते हुए तथा अपनी जिम्मेवारी समझते हुए हमें घाटों की साफ सफाई के लिए आगे आना होगा।

गौरतलब है कि दिल्ली में यमुना नदी को साफ करने के लिए जल बोर्ड ने दिल्ली के सभी 34 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में केमिकल के जरिए सीवर के पानी को शोधित करने की योजना बनाई है। इससे सीवर के पानी की गुणवत्ता में 82 फीसदी का बड़ा सुधार देखा गया है। सीवर का पानी यदि साफ होकर यमुना में गिरेगा तो इससे यमुना में कम गंदी होगी।

वर्तमान में यमुना विहार में इस तकनीक से पानी शोधित किया जा रहा है। वहीं, रिठाला सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) और सोनिया विहार में जल्द ही यह तकनीक अपनाई जाएगी। इससे जल बोर्ड पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। साथ ही प्रदूषक तत्व बीओडी और टीएसएस का स्तर भी मानक के अनुसार हो जाएगा।


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