सरकारी आवास के लिए भटक रहे नव नियुक्त अधिकारी
शहर को बसाने वाली नोएडा प्राधिकरण सरकारी अफसरों को आवास मुहैया कराने में असमर्थ साबित हो रही है

नोएडा। शहर को बसाने वाली नोएडा प्राधिकरण सरकारी अफसरों को आवास मुहैया कराने में असमर्थ साबित हो रही है। इसकी वजह यहा तैनात रहे अफसर बन रहे है। कई अधिकारी ऐसे है जिनका तबादला हो चुका है। लेकिन सालों से सरकारी आवास पर डेरा जमाए बैठे है। ऐसी स्थिति में कई महत्वपूर्ण अफसर सरकारी आवास के लिए भटक रहे है। प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे है।
इसकी पुष्टी प्राधिकरण के एक अधिकारी ने की। 1976 में नोएडा शहर बना। इसके विकास के लिए यहा अधिकारियों की नियुक्ति की गई। जिनके रहने वाले के लिए सेक्टर-27,52,92 के अलावा अन्य सेक्टरों में सरकारी अवास बनाए गए। ऐसे करीब 700 मकान है। नोएडा आने वाले अधिकारी इन मकानों में रहते है। यहा आलम कुछ और है।
यहा से तबादला हो चुके अधिकारी अब भी सरकारी मकानों पर कब्जा जमाए हुए है। ऐसे में नए अधिकारियों को किराए के माकनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यही नहीं कुछ अधिकारी काम तो नोएडा में करते है लेकिन उनको आवास ग्रेटरनोएडा में दिया गया है। नियम तबादला होने के बाद तीन महीने तक अफसर मकान में रह सकता है। इसके बाद उसे मकान छोड़कर नई नियुक्ति वाले स्थान पर शिफ्ट होना होता है। लेकिन यहा से जाने को कोई तैयार नहीं है।
इसको लेकर प्राधिकरण कई बार अधिकारियों पर पेनाल्टी भी लगा चुके है। बावजूद इसके वह मकान खाली नहीं करते। ऐसे में नई नियुक्ति पर आए अधिकारियों को सरकारी आवास के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्हें प्रतिक्षा सूची में डाला गया है। चौकाने वाली बात यह है कि एक साल बाद भी प्रतिक्षा में रहने के बाद उन्हें मकान नहीं मिल रहा। हालांकि प्राधिकरण अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।


