बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के नए कुलपति, कहा रिसर्च को देंगे बढ़ावा
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन शुक्रवार 7 जनवरी को अपना कार्यभार संभालने जा रहे हैं

नई दिल्ली। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन शुक्रवार 7 जनवरी को अपना कार्यभार संभालने जा रहे हैं। प्रोफेसर जैन अभी तक आईआईटी गांधीनगर के निदेशक थे। प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन को 13 नवंबर को बीएचयू का कुलपति नियुक्त किया गया था। वह दिसंबर महीने बीएचयू में शिक्षकों और अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं। प्रोफेसर जैन बीएचयू के 28वें कुलपति हैं। आईआईटी गांधीनगर के पूर्व डायरेक्टर सुधीर कुमार जैन जो अब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के नए वाइस चांसलर होने जा रहे हैं, उन्होंने बीएचयू में अपने इस नए रोल पर आईएएनएस विशेष बात की थी। उनसे पूछा गया कि आपको बीएचयू का नया कुलपति नियुक्त किया गया है आप अपनी इस नई भूमिका के बारे में क्या सोचते हैं।
इस पर प्रोफेसर जैन का कहना था कि मुझे बीएचयू के साथ जुड़कर बहुत गर्व हो रहा है, जो उत्कृष्ट विरासत, प्रतिष्ठा और स्तर का संस्थान है। मैं बीएचयू को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने और इसे दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की लीग में आगे बढ़ाने के लिए छात्रों और सहकर्मियों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं। मैं बीएचयू की उन्नति और कायाकल्प के लिए इसके पूर्व छात्रों और शुभचिंतकों के बड़े नेटवर्क के साथ जुड़ने और भागीदारी करने की भी उम्मीद करता हूं।
नव नियुक्त कुलपति प्रोफेसर जैन ने बताया कि वह 7 जनवरी को बीएचयू में अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। उन्होंने बताया कि रिसर्च को बढ़ावा देने के साथ ही सुविधाओं में विस्तार उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
उन्होंने 1979 में रुड़की विश्वविद्यालय (अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ) से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त की हैं। साथ ही उन्होंने कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पासाडेना से क्रमश 1980 और 1983 में परास्नातक और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने भूकंपीय डिजाइन कोड, इमारतों की गतिशीलता और भूकंप के बाद के अध्ययन के क्षेत्र में गहन अनुसंधान और विकास किया है। इनके अलावा, प्रो. जैन ने विकासशील देशों पर केंद्रित भूकंप इंजीनियरिंग में शिक्षण, अनुसंधान गतिविधियों और विकास में सक्रिय रूप से भाग लिया है।
गौरतलब है कि आईआईटी गांधीनगर के निदेशक रहते हुए उन्होंने यहां रिसर्च को काफी महत्व दिया। आईआईटी गांधीनगर की एक टीम ने जे 54 नामक एक नए मोलेक्युल की खोज की है, जिसने 50 दिनों में ट्यूमर (प्रोस्टेट कैंसर) को पूरी तरह से कम करने की बड़ी क्षमता दिखाई है।
वहीं एक पीएचडी छात्र और उनके सुपरवाइजिंग संकाय ने एक गैर-विद्युत किफायती जल शोधन प्रणाली विकसित की। यह 99 फीसदी से अधिक बैक्टीरिया को बिना बिजली के ही पानी से हटा सकती है। यह अविकसित और दूरदराज के क्षेत्रों में, जहां पीने योग्य पानी दुर्लभ होता है, वहां बहुत उपयोगी हो सकता है।
इनके अलावा आईआईटी गांधीनगर के ही शोधकर्ताओं की एक टीम ने अधिक व्यायाम करने के कारण होने वाली घातक दुर्घटनाओं (हार्टअटैक) के जोखिम को रोकने के लिए एक वर्चुअल रियलिटी आधारित ट्रेडमिल व्यायाम प्लेटफॉर्म का आविष्कार किया है।


