नये कदम, नये फैसले
किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध मध्यप्रदेश सरकार ने एेसे कदम उठाये जो मुख्य रुप से किसानों के लिए लाभदायक है
सतना। किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध मध्यप्रदेश सरकार ने एेसे कदम उठाये जो मुख्य रुप से किसानों के लिए लाभदायक है।
मूल स्थिरीकरण कोष
किसाानों को उनकी उपज के वाजिब दाम दिलाने के लिए सरकार ने हाल ही में एक हजार करोड़ रुपए का मूल स्थिरीकरण कोष का गठन किया है। इसके जरिये सरकार यह सुनिश्चित करेगी, कि जिन जिंसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया जाता है उन जिंसों में किसानों को होने वाली उपार्जन हानि की स्थिति में इस कोष से राशि दी जाएगी। इस कोष के लिए 5 सौ करोड़ रुपए मंडी बोर्ड और शेष राशि राज्य शासन के बजट से उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है।
कृषि उत्पात एवं विपणन आयोग
किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मध्यप्रदेश कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग का भी गठन किया है। यह आयोग खरीफ, रबि और ग्रीष्मकालीन फसलों की लागत की गणना कर समय-समय पर राज्य सरकार को अपनी अनुशंसाएं देगा। साथ ही विभिन्न फसलों का अध्ययन कर किसानों को कृषि के अधुनिकीकरण के लिए भी सुझाव देगा।
मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना
राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2017 से मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना शुरू की जा रही है। इस योजना में दलहनी, तिलहनी एवं उद्यानिकी फसलों का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए समर्थन मूल्य या बाजार दर घोषित कर किसानों को उनकी लागत का उचित मूल्य सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।
राजस्व प्रकरणों के निराकरण की पहल
किसानों के लंबित भू-संबंधी मामले तेजी से निपटाने के लिए प्रदेशव्यापी अभियान शुरू किया गया है। इसके लिए प्रदेश में तेजी से काम किया जा रहा है। किसानों के सीमांकन, अविवादित नामांतरण, अविवादित बँटवारा प्रकरणों के निराकरण और ऋण पुस्तिका प्रदाय करने का काम निश्चित अविधि में किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को भूमि से संबंधित परेशानियों से निजात दिलाना है।
नगरीय क्षेत्रों में बनेंगे किसान बाजार
सरकार ने प्रदेश के 378 नगरीय निकाय क्षेत्रों में किसान बाजार बनाये जाने का निर्णय लिया है। जायेंगे। जहाँ किसान सीधे अपनी उपज बेच सकेगा। किसान परिवारों के युवा खेती के अलावा कृषि आधारित उद्योग लगायें इसके लिये मुख्यमंत्री युवा कृषक उद्यमी योजना बनाई जा रही है। जिसमें उन्हें दस लाख रुपये से लेकर दो करोड़ रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें 15 प्रतिशत अनुदान और पाँच वर्ष तक पाँच प्रतिशत ब्याज अनुदान की व्यवस्था रहेगी।


