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कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में सितंबर से शुरू होगा नया सत्र

देशभर में विश्वविद्यालयों का नया शैक्षणिक सत्र इस बार 2 महीने की देरी से शुरू किया जाएगा। विश्वविद्यालयों में यह नया शैक्षणिक सत्र सितंबर से शुरू होगा

कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में सितंबर से शुरू होगा नया सत्र
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नई दिल्ली। देशभर में विश्वविद्यालयों का नया शैक्षणिक सत्र इस बार 2 महीने की देरी से शुरू किया जाएगा। विश्वविद्यालयों में यह नया शैक्षणिक सत्र सितंबर से शुरू होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में नया सत्र कब और कैसे शुरू किया जाए, इसके लिए एक विशेष कमेटी गठित की थी। यूजीसी द्वारा गठित इस सात सदस्यीय समिति ने परीक्षा से जुड़े मुद्दों और अकादमिक कैलेंडर को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है।

यूजीसी द्वारा नियुक्त एक कमेटी ने सिफारिश की है कि परिस्थिति को देखते हुए देश में उच्च शिक्षा के लिए नया सत्र जुलाई के बदले सितंबर से होना चाहिए।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण 15 मार्च से ही स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद हैं। इस कमेटी ने कहा, "कोरोना की रोकथाम के लिए घोषित किए गए लॉकडाउन और संक्रमण रोकने को लेकर कई राज्यों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, पूर्व निर्धारित समय पर विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित नहीं करवाई जा सकतीं।"

कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि वर्ष के अंत या सेमेस्टर के अंत में होने वाली परीक्षाएं जो निर्धारित समय पर आयोजित नहीं की जा सकती हैं, उन्हें जुलाई में आयोजित किया जाना चाहिए।

यूजीसी इस कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालयों की परीक्षा के लिए गाइडलाइन और अकादमिक कैलेंडर तैयार करेगा।

यूजीसी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के कुलपति नागेश्वर राव के नेतृत्व में एक और कमेटी गठित की है। ऑनलाइन शिक्षा पर गठित यह समिति विश्वविद्यालयों को विविधता, स्थानीय पर्यावरण, वर्तमान बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी सहायता को देखते हुए अनिवार्य रूप से ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने की पक्षधर है।

यूजीसी की इस कमेटी के अध्यक्ष हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आर.सी. कुहाड़ हैं। सदस्यों में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर के निदेशक एसी पांडेय, बनस्थली विद्यापीठ के कुलपति आदित्य शास्त्री और पंजाब विश्वविद्यालय के प्रमुख राज कुमार शामिल हैं।

कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी देने के बाद केंद्र सरकार को चिकित्सा और तकनीकी क्षेत्र में प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तिथि को बढ़वाने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनानी होगी। दरअसल, मेडिकल में प्रवेश के लिए 31 अगस्त और इंजिनियरिंग में प्रवेश के लिए 15 अगस्त तक की समय सीमा तय है।


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