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मप्र को पर्यटन और हस्तशिल्प के क्षेत्र में पहचान दिलाएंगी नई सड़कें : गडकरी 

मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश की 45 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के पर्यटन और हस्तशिल्प की पहचान को स्थापित करेंगी नई सड़कें

मप्र को पर्यटन और हस्तशिल्प के क्षेत्र में पहचान दिलाएंगी नई सड़कें : गडकरी 
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भोपाल। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम-उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश की 45 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के पर्यटन और हस्तशिल्प की पहचान को स्थापित करेंगी नई सड़कें। वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से मंगलवार को कुल 11 हजार 427 करोड़ की लागत से 1361 किमी लम्बाई की 45 सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण के दौरान केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा "आज जिन मार्गो का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है, उससे आर्थिक विकास की गति को तेज करने में सहयोग मिलेगा। परियोजनाओं से राज्य के मुख्य शहरों से ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच आसान होगी, पर्यटन में वृद्घि होगी, रोजगार निर्माण और किसानों एवं व्यापारियों के साथ ही आम नागरिकों के समय, ऊर्जा और धन की भी बचत हो सकेगी।"

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश समृद्घ बनने की संभावना जताते हुए केन्द्रीय सड़क निधि (सीआरआईएफ) से जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर 700 करोड़ रूपए के कार्यो के लिए सहमति प्रदान की। उन्होने कहा कि "मध्यप्रदेश में हस्तशिल्प विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए उनका मंत्रालय अधिकतम सहयोग प्रदान करेगा। अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिले और वे प्रदेश के विकास में सहभागी बनें, इसके लिए मध्यप्रदेश के प्रोजेक्ट मंजूर करने में विलंब नहीं होगा।"

केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने वर्ष 2020-21 के लिए 10 हजार करोड़ लागत के पांच नए मागोर्ं की स्वीकृति प्रदान करते हुए बताया कि भारतमाला योजना के अंतर्गत चंबल अटल प्रोग्रेस-वे के लिए शीघ्र ही आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। यह मार्ग 358 कि़मीक़ का है। इससे मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान की प्रगति तेज होगी। यह एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में 309 कि़मी़, उत्तरप्रदेश में 17 किमी और राजस्थान में 32 कि़मीक़ का होगा।

केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने दिल्ली-मुम्बई कॉरीडोर का भी जिक्र करते हुए कहा कि, " एक लाख करोड़ लागत से बनेगा और समय एवं ईंधन की बड़ी बचत में उपयोगी रहेगा। दिल्ली से मुम्बई 12 घंटे में पहुंचना संभव होगा। वर्ष 2023 के पहले इसे निर्मित करने का लक्ष्य है। यह विश्व का सर्वाधिक लम्बाई का एक्सप्रेस हाईवे होगा। "

उन्होंने प्रदेश में नए ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स प्रारंभ करने के लिए भी सहमति जताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे देश में सड़कों के अनेक ब्लैक स्पॉट में सुधार कार्य से हादसों में कमी आ रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के लिए आज का दिन प्रगति का नया अध्याय जोड़ने का दिन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश से साकार किया जा रहा है।

शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ थावरचंद गहलोत, पंचायत राज, ग्रामीण विकास एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन एवं संस्कृति प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री वी के सिंह (स़ेनि़) सहित मध्यप्रदेश शासन के मंत्री, परियोजना क्षेत्र से जुड़े सांसद एवं विधायक भी शामिल रहे।

सड़क परियोजनाएं राज्य के लगभग 49 विधानसभा क्षेत्रों से हेाकर गुजरने वाली हैं। इसे राजनीतिक दृष्टि से भी काफी अहम माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सड़क परियोजनाएं जिन क्षेत्रों से जुड़ी हैं, उनमें से कई क्षेत्रों में आगामी समय में विधानसभा के उप-चुनाव भी होने वाले हैं।


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