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नया श्रम विधेयक : शाम 7 बजे के बाद कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा तय हो

नए श्रम विधेयक में महिला कर्मचारी की मर्यादा व सुरक्षा को सर्वोपरि माना गया है। संसद के चालू सत्र में यह विधेयक पेश किया जा सकता है

नया श्रम विधेयक : शाम 7 बजे के बाद कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा तय हो
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नई दिल्ली। नए श्रम विधेयक में महिला कर्मचारी की मर्यादा व सुरक्षा को सर्वोपरि माना गया है। संसद के चालू सत्र में यह विधेयक पेश किया जा सकता है।

विधेयक के अनुसार, महिलाओं के लिए कार्यावधि सुबह छह बजे से लेकर शाम सात बजे के बीच होनी चाहिए। अगर, इस समयावधि के बाद महिलाएं काम करती हैं तो नियोक्ता को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।

इसके अलावा, अवकाश के दिन महिला कर्मचारी को काम पर नहीं बुलाया जा सकता है। अगर उनको बुलाना अत्यावश्यक हो तो नियोक्ता को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।

बिल में एक और अहम पहलू परिवार (कानून के तहत कर्मचारी का परिवार) की परिभाषा है, जिसमें आश्रित दादा-दादी को शामिल किया गया है। मतलब, माता-पिता को मिलने वाला लाभ अब आश्रित दादा-दादी को भी मिलेगा।

सूत्रों ने बताया कि विधेयक पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाजी माहौल संहिता-2019 को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है और कानून मंत्रालय इसका पुनरीक्षण कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, विधेयक जल्द ही संसद में पेश होगा।

पिछले सप्ताह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह (जीओएम) ने विधेयक के कुछ बिंदुओं पर सुझाव दिया, जिनमें ओवरटाइम (निश्चित समय के बाद भी काम करना) के घंटे के संबंध में श्रमिकों की सहमति लेना शामिल है।

श्रमिक और नियोक्ता के हितों के लिए ओवरटाइम के घंटों को बढ़ाकर हर महीने 100 घंटे किया गया है, जिसे आगे बढ़ाकर 125 घटे तक किया जा सकता है। इसी प्रकार, बच्चों के लिए क्रेच (पालना घर), गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए कैंटीन, किसी दुर्घटना के मामले में प्राथमिक उपचार की सुविधा और प्रतिष्ठान में कल्याण अधिकारी का प्रावधान जैसे कल्याण के प्रावधानों को भी महत्व प्रदान किया गया है।

सभी प्रतिष्ठानों जहां तक व्यावहारिक तो कल्याण के ये उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे। वेतन विधेयक (वेज बिल) की तरह पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाजी माहौल विधेयक में मौजूदा करीब 13 केंद्रीय श्रम कानून शामिल किए गए हैं।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, "हमने श्रमिकों के लिए कानून को आसान और बेहतर बनाने की कोशिश की है। हमने श्रमिकों और नियोक्ताओं के अधिकारों के बीच संतुलन सुनिश्चित करने की भी कोशिश की है। सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान की है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने वाले पत्रकारों समेत कामकाजी पत्रकारों के लिए बेहतर वेतन और कामकाजी माहौल का आश्वासन दिया गया है।"

सूत्रों ने बताया कि नेतृत्व के निर्देश पर श्रमिकों को कई अन्य लाभ प्रदान किया जाएगा। मसलन, नियोक्ता निर्धारित उम्र से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों के लिए सालाना नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान करेंगे। नियोक्ताओं से यह अपेक्षा होगी कि वे सभी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करें।

प्रधानमंत्री कार्यालय में विधेयक को लेकर कई बैठकें हुई हैं। विधेयक के संबंध में हितधारकों और आम जनता का सुझाव शामिल करने के लिए पिछले साल विधेयक का मसौदा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था।


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