Top
Begin typing your search above and press return to search.

स्विस आल्प्स पहाड़ों में जमी बर्फ में गर्मी का नया रिकॉर्ड

स्विट्जरलैंड के आल्प्स पहाड़ों में हमेशा जमी रहने वाली बर्फ में इतिहास का अभी तक का सबसे गर्म तापमान दर्ज किया गया है. जानकारों का मानना है कि मई में हुई ब्लाटेन गांव की बर्बादी में इसकी भूमिका रही होगी

स्विस आल्प्स पहाड़ों में जमी बर्फ में गर्मी का नया रिकॉर्ड
X

स्विट्जरलैंड के आल्प्स पहाड़ों में हमेशा जमी रहने वाली बर्फ में इतिहास का अभी तक का सबसे गर्म तापमान दर्ज किया गया है. जानकारों का मानना है कि मई में हुई ब्लाटेन गांव की बर्बादी में इसकी भूमिका रही होगी.

पर्माफ्रॉस्ट में गर्मी के नए रिकॉर्ड की जानकारी स्विस एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार 17 जून को दी. पर्माफ्रॉस्ट सतह के नीचे मौजूद वो मिट्टी होती है जो दो साल या उससे ज्यादा समय के लिए जमने वाले तापमान पर रहती है.

पर्माफ्रॉस्ट जब पिघलती है तो इसकी वजह से भूस्खलन या बड़े पत्थरों के गिरने जैसी घटनाएं हो सकती हैं. धरती जैसे जैसे गर्म होती जा रही है, वैसे वैसे पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने की दर बढ़ती जा रही है.

जानकारों का मानना है कि मई में हुई ब्लाटेन गांव की बर्बादी के पीछे इसकी भूमिका हो सकती है. मई में स्विट्जरलैंड के बर्च ग्लेशियर के ऊपर बड़े पत्थरों के गिरने से उसका वजन बढ़ गया था और वह टूट कर नीच लोशेनताल घाटी में गिर पड़ा था.

तापमान के नए रिकॉर्ड

स्विस एकेडमी द्वारा किए गए एक नए अध्ययन के मुताबिक, स्विस आल्प्स की पर्माफ्रॉस्ट 2024 के वार्षिक जलचक्र में जितनी गर्म थी उतनी उससे पहले कभी नहीं रही. वार्षिक जलचक्र 12 महीनों की उस अवधि को कहते हैं जिसका इस्तेमाल जलविज्ञानी पानी संबंधित घटनाओं को ट्रैक करने के लिए करते हैं.

2024 का वार्षिक जलचक्र एक अक्टूबर 2023 से 30 सितंबर 2024 के बीच था. एकेडमी ने एक बयान में कहा, "बीते एक दशक (2014-2025) में, पर्माफ्रॉस्ट का तापमान अध्ययन में शामिल 23 स्थानों पर अमूमन बढ़ता रहा है. 10 मीटर की गहराई पर यह बदलाव 0.8 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा था, जिसकी वजह से 2024 में तापमान के नए रिकॉर्ड बने."

तापमान में हुई इस बढ़ोतरी को 2023 के पतझड़ में ऊंचे स्थानों पर बर्फ के जल्दी गिरने से भी बल मिला. बर्फ के जल्दी गिरने से जमीन में गर्मी फंस गई. स्विट्जरलैंड में पर्माफ्रॉस्ट सतह के कुल इलाके के करीब पांच प्रतिशत के नीचे पाई जाती है. यह अमूमन 2,500 मीटर से ऊपर स्थित कंकड़ों वाली ढाल और पत्थरों में पाई जाती है.

स्विट्जरलैंड में तापमान को मापना 1864 में शुरू किया गया था. तब से लेकर अब तक 2022, 2023 और 2024 के वार्षिक जलचक्र पांच सबसे गर्म साल पाए गए. इन सालों में हवा का तापमान 1991-2020 के औसत तापमान से 1.4 से 1.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा पाया गया.

स्विट्जरलैंड ग्लोबल वॉर्मिंग से विशेष रूप से प्रभावित है. देश की मौसम संस्था मीटियोस्विस के मुताबिक इस समय जमीन के पास हवा का औसत तापमान 1871-1900 तक के औद्योगिक काल से पहले के औसत से करीब 2.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है. वैश्विक औसत 1.3 डिग्री सेल्सियस है.

कम हो रही है बर्फ

आल्प्स में 25 सालों तक लगातार निगरानी रखने से नजर आ रहा है कि पर्माफ्रॉस्ट काफी गर्म हो गई है और साथ ही जमीन में बर्फ की मात्रा भी कम हो गई है. एकेडमी ने कहा, "ये बदलाव आने वाले सालों और दशकों में जारी रहेंगे. सबसे ऊपर के 10 मीटर तक पर्माफ्रॉस्ट का गर्म होना और गहराई तक जाएगा."

जिन स्थानों पर नजर रखी जाती है उनमें से लगभग सभी स्थानों पर देखा गया है कि बीते दो दशकों में सक्रिय परत की गहराई कई मीटर तक बढ़ गई है. सक्रिय परत यानी मिट्टी की वह परत जहां गर्मियों में बर्फ पिघल जाती है और सर्दियों में फिर से जम जाती है. 2024 में इस परत की गहराई अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच गई थी.

सबसे महत्वपूर्ण बदलाव बर्नीज आल्प्स में शिल्थॉर्न में देखा गया. यहां पर सक्रिय परत की गहराई साल 2000 में पांच मीटर से कम बढ़ी थी लेकिन 2023 में 13 मीटर से भी ज्यादा बढ़ गई. 2024 की सर्दियों में यहां दोबारा बर्फ जम ही नहीं पाई.

पर्माफ्रॉस्ट का गर्म होना पहाड़ों में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और प्राकृतिक आपदाओं पर नजर रखने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. 2024 में छपे एक अध्ययन के मुताबिक पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने की वजह से स्विस अल्पाइन क्लब के पहाड़ी मकानों में से एक तिहाई से ज्यादा भविष्य में अस्थिर हो सकते हैं.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it