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नई आबकारी नीति शराब माफिया पर करारी चोट, माफिया इसमें बाधा डालने का पूरा प्रयास करेंगे : केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज दिल्ली सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई

नई आबकारी नीति शराब माफिया पर करारी चोट, माफिया इसमें बाधा डालने का पूरा प्रयास करेंगे : केजरीवाल
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज दिल्ली सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई। इस दौरान सीएम ने कहा कि, "नई आबकारी नीति शराब माफिया पर करारी चोट है। माफिया इसमें बाधा डालने का पूरा प्रयास करेंगे। हमारी सरकार ने शिक्षा, पानी, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में माफिया राज को समाप्त किया। अब आबकारी क्षेत्र में भी सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है।" दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, "नई नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब शराब की दुकानों के बाहर लंबी लाइन नहीं लगेगी। दिल्ली में अवैध शराब की दुकानें बंद होंगी। सरकार ने शराब की दुकानें खोलने के लिए नए नियम की भी घोषणा की है।"

"दिल्ली में शराब की तस्करी रोकने से आबकारी विभाग के राजस्व में 20 प्रतिशत यानी 2000 करोड़ रुपए तक की वृद्धि होगी। अब सरकार ने शराब की दुकानें नहीं चलाने का निर्णय लिया है।"

उन्होंने आगे कहा कि, "यूपी, एमपी, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, असम, ओडिसा, तमिलनाडु की तरह अब दिल्ली में भी शराब खरीदने की उम्र 21 वर्ष होगी, जबकि गोवा व आंध्र प्रदेश में यह उम्र सीमा 18 वर्ष है। जहरीली शराब पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय जांच लैब बनेगी।"

उपमुख्यमंत्री के अनुसार, कुछ महीने पहले दिल्ली के आबकारी विभाग में विशेषज्ञ कमेटी बनाई गई थी कि दिल्ली के शराब के व्यापार ठीक करने, खरीदने और राजस्व के नुकसान को ठीक करने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी बनाई थी। उसके बाद उस रिपोर्ट पर और बाकी चीजों पर जनता के सुझाव भी मांगे गए थे। जनता की तरफ से 14,700 सुझाव आए और एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट आई।

दरअसल इस कमिटी के बाद ही मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में मंत्री समूह बनाया। जिसमें यह तय हुआ था कि कमेटी की रिपोर्ट और जनता से मिले 14,700 सुझावों और मौजूदा सिस्टम को गंभीरता से अध्ययन कर जरूरी सुधारों पर सुझाव दें।

दिल्ली सरकार के मुताबिक, दिल्ली में कुल 272 वार्ड हैं। इन 272 वार्ड में से 79 वार्ड ऐसे हैं, जहां पर एक भी दुकान नहीं हैं। 45 वार्ड ऐसे हैं, जहां एक दुकान है और कुछ वार्ड ऐसे हैं, जहां पर दो दुकानें हैं।

दिल्ली में 272 वाडरें में से 158 वार्ड ऐसे हैं, अर्थात 272 वार्ड में से 58 प्रतिशत वार्ड में शराब की दुकानें हैं ही नहीं या हैं तो इक्का-दुक्का हैं। कुछ वाडरें ऐसे हैं, जहां पर तीन दुकानें हैं।

दिल्ली में केवल 8 प्रतिशत एरिया ऐसा है, जहां समान्य तौर पर दुकानें उपलब्ध हैं, ऐसे 37 वार्ड हैं। वहीं 54 वार्ड ऐसे हैं, जहां 6 से अधिक दुकानें हैं और किसी वार्ड में 10 से भी ज्यादा दुकानें हैं। यानि कि 20 प्रतिशत दिल्ली में शराब की ज्यादा दुकानें हैं।


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