नगर निगम चुनाव : पार्षदों को टिकट नहीं देगी भाजपा,नए चेहरों पर दांव खेलेगी पार्टी
नई दिल्ली ! उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव में मौजूदा निगम पार्षदों को न उतारने की रणनीति बनाई है।

नई दिल्ली ! उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव में मौजूदा निगम पार्षदों को न उतारने की रणनीति बनाई है। पार्टी ने इसके पीछे तर्क दिया है कि मौजूदा पार्षद दस वर्ष से हैं और अब परिसीमन के बाद हालात बदले हैं इसलिए सक्रिय महिलाओं व युवाओं के नए चेहरों को उम्मीदवार बनाया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी का यह सामूहिक फैसला है व चयन में रिश्तेदारी, परिवारवाद भी नहीं चलेगा। सभी निवर्तमान पार्षदों से कहा गया है कि वे पूरी ताकत से काम करें और विधानसभा में पार्टी उन्हें चुनावी कमान सौंपेगी। मनोज तिवारी ने उम्मीद जताई कि पार्टी के इस फैसले को दिल्ली स्वीकार करेगी। दरअसल भाजपा तीसरी बार निगम में प्रवेश के लिए आम आदमी पार्टी को कोई मौक ा देने के पक्ष में नहीं है। भ्रष्टïाचार पर आम आदमी पार्टी निगम नेताओं को घेरती रही है इसीलिए पार्टी नेताओं ने रणनीति के तहत युवा चेहरों, महिलाओं पर दांव खेलने का फैसला किया और अब 15 मार्च तक कोई भी आवेदन कर सकता है। इससे आम आदमी पार्टी को भाजपा के खिलाफ सत्ताविरोधी लहर व कुशासन पर प्रहार का मौका भी नहीं मिलेगा। भाजपा साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाने का दावा कर जंग को जीतने की ओर बढ़ेगी। दरअसल उत्तरी, दक्षिणी व पूर्वी नगर निगम के 272 वार्ड में से 153 पार्षदों के साथ भाजपा काबिज है और राष्टï्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद पूरी प्रक्रिया पर नजर रख रहे हैं। अनधिकृत कालोनियों में राज्य सरकार ने काम नही किया, बल्कि कारनामे दिख रहे हैं, कहीं फर्जी डिग्री वाले मंत्री दिखे तो कहीं दुराचारी मंत्री और मुख्यमंत्री खुद भ्रष्टाचारी हैं। बता दें कि भाजपा इससे पहले यह प्रयोग गुजरात में कर चुकी है और परिणाम सकारात्मक होने के बाद अब दिल्ली में देाहराया जा रहा है। हांलाकि पार्षदों को प्रोन्नति भी दी गई और 10 पार्षदों को विधानसभा चुनाव में उतारने के साथ ही प्रदेश भाजपा की टीम में भी कई पदाधिकारी पार्षद हैं अब संकेत मिल रहे हैं कि विधानसभा के चुनाव में भी इन्हें आजमाया जा सकता है।


