सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल मुद्दे पर स्थगनादेश देने की पंजाब की अपील ठुकराई
नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मुद्दे की सुनवाई 11 मार्च के बाद करने की पंजाब सरकार की अपील को आज ठुकराते हुए

नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मुद्दे की सुनवाई 11 मार्च के बाद करने की पंजाब सरकार की अपील को आज ठुकराते हुए मामले की अगली सुनवाई दो मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और अमिताभ राय की खंडपीठ ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के भी निर्देश दिये। न्यायालय ने कहा,“हमने पहले ही डिक्री पास कर दी है और इस मामले में यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिये हैं।”
गत सप्ताह शीर्ष अदालत ने राज्य में हुए चुनावों के परिणामों के आने तक मामले को स्थगित करने की पंजाब सरकार की अपील पर सुनवाई से इंकार कर दिया था। पंजाब सरकार की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने 11 मार्च के बाद तक के लिए स्थगनादेश देने की मांग की।
न्यायालय ने 17 जनवरी को हरियाणा और पंजाब दोनों सरकारों से इस मसले पर तीन सप्ताह के भीतर अपने जवाब देने का आदेश दिया था।
गत वर्ष नवम्बर में शीर्ष अदालत ने पड़ोसी राज्यों से एसवाईएल नहर पानी बंटवारे को लेकर हुए समझौते को रद्द करने संबंधी पंजाब सरकार द्वारा 2004 में बनाये गये कानून को “असंवैधानिक” ठहरा दिया था।
शीर्ष अदालत की संविधान पीठ ने रावी व्यास नदी के पानी के हिस्सेदारी को लेकर पंजाब हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ के साथ हुए समझौते को “एकतरफा” निर्णय के सहारे पलट नहीं सकती और ना ही पलटना चाहिए।


