अध्यात्म भारत की शक्ति है,लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग इसे धर्म के साथ जोड़ते हैं
नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत का अध्यात्म उसकी ताकत है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अध्यात्म को धर्म के साथ जोड़ते हैं।

नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत का अध्यात्म उसकी ताकत है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अध्यात्म को धर्म के साथ जोड़ते हैं। योगदा सत्संग सोसाइटी (वाईएसएस) के शताब्दी समारोह के अवसर पर एक स्मारक टिकट जारी करने के बाद उन्होंने कहा, "दोनों में काफी फर्क है।"
भारतीय अध्यात्म के संदेश को विदेशों तक प्रचार-प्रसार के लिए परमहंस योगानंद ने 100 साल पहले वाईएसएस की स्थापना की थी, जिसका मुख्यालय रांची में है।
योगानंद सन् 1920 से लेकर 1952 तक अमेरिका में रहे। उन्होंने पुस्तक 'ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी' लिखी। सन् 1952 में उनका निधन हो गया।
प्रधानमंत्री ने विदेशी धरती पर भारत के आध्यात्म के संदेश के प्रचार-प्रसार के लिए वाईएसएस के संस्थापक स्वामी परमहंस योगानंद की सराहना की।
उन्होंने नई दिल्ली में एक समारोह को संबोधित करते हुए खेद प्रकट करते हुए कहा कि कुछ लोग अध्यात्म को धर्म से जोड़कर देखते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ताकत उसके अध्यात्म में है।
उन्होंने कहा, "भारत का आध्यात्म उसकी ताकत है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अध्यात्म को धर्म से जोड़कर देखते हैं, जबकि दोनों में काफी फर्क है।"
मोदी ने योग को अध्यात्म का शुरुआती बिंदु बताते हुए लोगों से योग को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने को कहा।
उन्होंने कहा, "एक बार जब किसी व्यक्ति का योग में रुझान पैदा हो जाता है और वह उसका अभ्यास करना शुरू कर देता है, तो यह उसकी जिंदगी का हिस्सा बन जाता है।"


