पठानकोट हमले से सरकार ने नहीं लिया सबक
नई दिल्ली ! संसद की एक समिति ने देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उसने पठानकोट आतंकवादी हमले से कोई सबक नहीं सीखा

नई दिल्ली ! संसद की एक समिति ने देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उसने पठानकोट आतंकवादी हमले से कोई सबक नहीं सीखा जिससे पिछले वर्ष बार-बार इस तरह के हमले हुए जिनमें सशस्त्र बलों के जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
गृह मंत्रालय से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने अपने सुझावों में कहा है कि सरकार को रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा तथा इससे सबंधित खुफिया जानकारियों के आदान-प्रदान तंत्र में मौजूद गंभीर कमियों को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। समिति का कहना है कि सरकार ने पठानकोट हमले के बाद रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए जो भी कदम उठाए उससे आगे ऐसे हमलों को रोकने में कोई मदद नहीं मिली। सारे सुरक्षा उपाय विफल साबित हुए जिसके कारण पंपोर, बारामूला, उड़ी, हंदवाड़ा और नगरकोटा के रक्षा प्रतिष्ठान आतंकवादी हमले का निशाना बने।
संसद के दोनों सदनों में पेश की गई समिति की रिपोर्ट में कहा गया है ये हमले गृह मंत्रालय की इस धारणा को गलत ठहराते हैं कि साल 2016 में देश के अंदर का सुरक्षा परिदृश्य कुल मिलाकर नियंत्रण में था। रिपोर्ट में बीते साल 82 सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने के साथ ही सुरक्षा प्रतिष्ठानों के आसान निशाना बने रहने पर नाराजगी भी जताई गई है और सरकार से कहा गया कि वह सीमापर घुसपैठ रोकने और जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को काबू करने के लिए सख्त कदम उठाएं।
सबहेड : वित्तीय संसाधनों की कमी सशस्त्रबलों पर भारी
समिति ने यह माना है कि आतंकवादी हमलों की तुलना में बीते साल आंतरिक स्तर पर वापमंथी उग्रवाद की घटनाएं अपेक्षाकृत काफी कम रहीं पर उसने साथ ही यह भी कहा है कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में वित्तीय संसाधनों की कमी के चलते पुलिस और केन्द्रीय सशस्त्र बलों के जवान भारी क्षति उठा रहे हैं। इस बारे में दिए अपने सुझाव में समिति ने सकार से ऐसे सुरक्षाबलों के लिए मेक इन इंडिया अभियान के तहत बारुदी सुरंग रोधी बख्तर बंद गाडिय़ां बनाए जाने की संभावनाएं तलाशने और जरुरत पडऩे पर विदेशों से ऐसी गाडिय़ों के आयात के विकल्प पर ध्यान देने को भी कहा है।


