'साईबाबा को उम्रकैद अलोकतांत्रिक, हैरान करने वाली'
नई दिल्ली ! नक्सलवादियों को सहयोग देने के दोष में उम्रकैद की सजा पाने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा की पत्नी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ (आरएसएस)

नई दिल्ली ! नक्सलवादियों को सहयोग देने के दोष में उम्रकैद की सजा पाने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा की पत्नी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ (आरएसएस) के एजेंडे पर काम करने और न्यायपालिका पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि मंगलवार को महाराष्ट्र की गढ़चिरौली सत्र अदालत ने साईबाबा सहित पांच लोगों को नक्सलियों से संपर्क होने और नक्सवादियों की मदद करने के अपराध में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अदालत का फैसला आने के बाद साईबाबा की पत्नी वसंत कुमारी ने एक बयान जारी कर कहा, "अदालत का फैसला हैरान करने वाला है। महाराष्ट्र के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें सभी आरोपियों को उन पर लगे सभी आरोपों का दोषी पाया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई।"
उन्होंने कहा, "अभियोजन पक्ष अपने किसी भी सबूत को साबित नहीं कर पाया..इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को सील नहीं किया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने कॉरपोरेट्स और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के इशारे पर न्यायपालिका पर जनविरोधी और अलोकतांत्रिक नीतियों को लागू करने का दबाव बनाया।"
उन्होंने कहा कि वह अपने पति की रिहाई के लिए उच्च न्यायालय में लड़ाई लड़ेंगी, साथ ही उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं से सरकार के 'अलोकतांत्रिक चरित्र' की निंदा करने की अपील की।
पांच लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाने के अलावा एक अपराधी को 10 साल के कैद की सजा सुनाई गई है।
साईबाबा को महाराष्ट्र पुलिस ने मई, 2014 में गिरफ्तार किया था, हालांकि स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें जमानत दे दी गई थी।


