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अल्पसंख्यक आबादी पर राजनीतिक दलों की निगाहें

नई दिल्ली ! दिल्ली नगर निगम के 272 वार्ड के लिए मतदान रविवार सुबह शुरू हो जाएगा और सभी राजनीतिक दलों की निगाह इस बात पर है कि करीबन 16 विधानसभा क्षेत्रों में आने वाले 65-70 वार्ड में मुस्लिम आबादी की

अल्पसंख्यक आबादी पर राजनीतिक दलों की निगाहें
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नगर निगम चुनाव में पुरानी और नई दिल्ली का मिजाज
अनिल सागर

नई दिल्ली ! दिल्ली नगर निगम के 272 वार्ड के लिए मतदान रविवार सुबह शुरू हो जाएगा और सभी राजनीतिक दलों की निगाह इस बात पर है कि करीबन 16 विधानसभा क्षेत्रों में आने वाले 65-70 वार्ड में मुस्लिम आबादी की ओर लगी हुई है। हालंाकि सीलमपुर, ओखला, संगम विहार, पुरानी दिल्ली, जामा मस्जिद इलाकों में 2015 के मुकाबले आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों में वह जोश नहीं दिख रहा है लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवारों में जोश के आक्रमकता उन्हें चुनावी बढ़त जरूर दिखा रहा है।
बता दें कि 65से 70 निगम वार्ड ऐसे हैं जहां पर 20 प्रतिशत व उससे अधिक मुस्लिम मतदाता हैं और यहां 2015 में आम आदमी पार्टी को भारी मतदान का लाभ मिला था और सभी सीटों पर विजय दर्ज की थी। लेकिन अब ओखला में देखें तो कांग्रेस को जहां भारी माना जा रहा है जबकि जामा मस्जिद इलाके की छह सीटों पर दो में कांग्रेस भारी है तो एक पर आप और बाकी दो पर भाजपा व आप के बीच मुकाबला दिख रहा है। सीलमपुर इलाके में एक वार्ड में आप की ओर झुकाव है तो दूसरी पर कांग्रेस व तीसरी पर भाजपा का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। हांलाकिकुछ इलाकों में निर्दलीय भी ताल ठोक रहे हैं।
चांदनी चौक लोकसभा में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं और कुछ ऐसे वॉर्ड हैं जो पूरी तरीके से पुरानी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से जामा मस्जिद, चांदनी चौक, सदर बाजार, अजमेरी गेट, दिल्ली गेट, बल्लीमारान, बाजार सीताराम आदि प्रमुख हैं। इन वॉर्डों में मुस्लिम वोटरों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है, लेकिन यहां रहने वाले लोग बताते हैं कि चुनाव प्रचार के दौर में जातीय समीकरण मंद पड़ जाते हैं और प्रत्याशी सभी जाति और समुदाय के लोगों से सीधा प्रचार करते हैं। लोग भी ऐसे हैं कि वे प्रत्याशी की जाति या धर्म को देखे बिना उसे वोट देने के लिए हामी भरते रहते हैं। इन वॉर्डों में अधिकतर की खासियत यह है कि वहां चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशी उन्हीं इलाकों के हैं।
यहां विभिन्न दलों के प्रत्याशियों में सीमा ताहीरा, सुलताना, आले मोहम्मद, नरेन भीखू राम जैन, कांग्रेस विधायक रहे प्रहलाद सिंह साहनी के पुत्र पुनर्दीप साहनी, सांसद रहे वासदेव कप्तान के पुत्र रवि कप्तान, मोहम्मद कज्जाफी, अजय यादव, राकेश कुमार, शाइस्ता नीलोफर आदि प्रमुख हैं। तंग गलियों और अपनी खासियतों के लिए मशहूर अहातों के मजाकिया लहजे से लेकर राजनीतिक जुमलों के बीच इनमें से कई प्रत्याशी मानते हैं कि लड़ाई सीधी है इसलिए अब मतदाता और मौसम पर ही भरोसा है।


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