जेएनयू में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर बिफरे छात्र
नई दिल्ली ! जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अदालत के आदेश के बाद लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों का जेएनयू छात्रसंघ ने विरोध शुरू कर दिया है।

नई दिल्ली ! जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अदालत के आदेश के बाद लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों का जेएनयू छात्रसंघ ने विरोध शुरू कर दिया है। छात्र कैमरे लगाने वालों को धमकी दे रहे हैं और कैमरे उतारकर अपने साथ ले जा रहे हैं। इस मामले में वसंत कुंज (उत्तरी) थाने में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। हालांकि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है लेकिन किसी को मामले में गिरफ्तार नहीं किया है।जानकारी के मुताबिक बीते 31 मार्च से जेएनयू के सभी हॉस्टलों के मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य चल रहा है। ब्रह्मपुत्र हॉस्टल में सिस्टम एनलिस्ट सतेन्द्र, त्रिलोचन,रेप्रोग्रफिक असिस्टेंट दीपक,टेक्रिकल असिस्टेट एम एम हेर्रिश और मुख्य सुरक्षा अधिकारी, नवीन यादव सुबह साढ़े दस बजे हॉस्टल पहुंचे थे। ब्रह्मपुत्र हॉस्टल के मुख्य द्वार पर कैमरे लगाए जा चुके थे। जैसे ही काम करने के लिये कॉरिडोर में एजेंसी के कर्मचारी गए। जेएनयू के कुछ छात्रों द्वारा उनका विरोध किया जाने लगा। छात्रों ने कैमरे लगाने वाले कर्मचारी की सीढ़ी भी खींचने लगे और एजेंसी के कर्मचारी को धमकी पूर्वक कैमरे उतारने के लिये कहने लगे। वहीं, एक अन्य छात्र अपने साथी छात्रों को लेकर कैमरे लगाए जाने का विरोध करने लगा। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने छात्रों को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन छात्रों ने उनकी एक बात नहीं मानी। जेएनयू छात्र अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय,शतरूपा,अमल पीपी भी मौके पर पहुंचे और सुरक्षा कर्मियों,सीआईएस स्टॉफ,टीएनएन एजेंसी के अधिकारियों के साथ बहस करने लगे। इसी बीच दो छात्रों ने हॉस्टल गेट के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों के तार उखाड़ दिये। कैमरे को पेचकस की सहायता से उसके पेच खोलकर निकाल दिये और अपने कैमरे अपने साथ ले गए। जिनकी कीमत 32 हजार रुपए थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि छात्रों की धक्का-मुक्की के कारण एक कर्मचारी को चोट भी लगी। जिसकी वजह से कर्मचारी व अधिकारी छात्रों के सामने से हट गए और काम करना बंद कर दिया।


